सिक्किम में रविवार को आए भूकंप के कारण 400 विदेशी पर्यटक अभी भी राज्य के उत्तरी क्षेत्र में फंसे हुए हैं. केंद्र ने सिक्किम के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए अंतर मंत्रालयीन दल का गठन किया है. यह दल राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से भूकंप से हुए नुकसान की भरपाई और राहत कार्यों के लिए सहायता देने संबंधी सिफारिशें करेगा.
इस बीच सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री पी चिदंबरम हालात का जायजा लेने गुरुवार को सिक्किम जाएंगे. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सिक्किम में इस भूकंप से हुई तबाही के चलते अब तक 57 लोगों के मारे जाने की खबर मिली हैं जिसमें सबसे अधिक 40 व्यक्ति राज्य के उत्तरी जिले में मारे गये हैं.
उन्होंने बताया कि राज्य में 700 मकान ढह गये हैं और 500 अन्य बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गये हैं. अधिकारी के अनुसार राज्य में 66 किलोवाट क्षमता के 15 बिजलीघर हैं जिनमें से तीन में बिजली की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी गई है. उत्तरी जिलों को छोड़कर राज्य के अन्य क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति सामान्य हो गयी है.
अधिकारी के अनुसार राज्य के हर जिले में राहत शिविरों की स्थापना कर दी गयी है. इनमें से सेना के शिविरों में 2,700 और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के शिविरों में 550 लोग शरण लिये हुए हैं. राहत और बचाव कार्यों में सेना के 5,500 जवान दिन रात काम कर रहे हैं. हेलीकॉप्टरों की 30 उड़ानों के जरिये राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में राहत सामग्री और भोजन के पैकेट गिराये गये हैं.
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि मोबाइल टॉवरों को ठीक किया जा रहा है और दूरसंचार नेटवर्क काफी हद तक सामान्य हो गया है. उनके अनुसार राज्य में अनाज, पेट्रोलियम पदार्थ और रसोई गैस के पर्याप्त भंडार मौजूद हैं.
इस बीच भूकंप प्रभावितों को फौरी राहत देने के लिए राज्य में 1,000 कंबल और 600 टेंट भेजे गये हैं. अधिकारी ने बताया कि भूकंप के कारण हुए भूस्खलन से बाधित मंगन और चुंगथंग सड़क मार्ग के 12 किलोमीटर हिस्से को साफ किया जा चुका है और अन्य हिस्सों में भी मलबे को हटाने का काम जारी है.