कई राजनैतिक समीक्षकों के अलावा राम कथा गायक और देश के सर्वाधिक सम्मानित संतों में से एक मोरारी बापू का भी मानना है कि पिछले एक साल में मोदी सरकार का ग्राफ नीचे आया है. इन दिनों बिहार में बेगूसराय जिले के दूरदराज के एक गांव भरौल में कथा गा रहे बापू ने इंडिया टुडे से एक खास मुलाकात में मोदी सरकार के बारे में यह टिप्पणी की. उनके शब्द थेः "सत्ता में बैठने वाले साधु नहीं होते, साधु कभी सत्ता में होता नहीं. सत्ता में बैठने वाले को हम साधु के रूप में देखना चाहें तो यह हमारी गलती है. तो एक तो थोड़ा वेट करना पड़ेगा...लेकिन इसमें दो राय नहीं कि सरकार का ग्राफ थोड़ा नीचे आया है. यह बात मेरे जैसा राजनीति से दूरी रखने वाला आदमी भी समझ सकता है तो वहां जो बैठे हैं, वे (और भी) अच्छी तरह से समझते होंगे. उसके सलाहकार लोग भी तो उसको सलाह देते होंगे."
गुजरात के एक गांव से निकलकर एक राष्ट्रीय शख्सियत बने मोरारी बापू के प्रति नरेंद्र मोदी की निष्ठा की बात सत्ता और राजनीति के गलियारों में सबको पता है. पिछले साल अपने शपथ ग्रहण समारोह में लखनऊ से भी 100 किमी आगे एक गांव से लाने के लिए मोदी ने उनके वास्ते हेलीकॉप्टर भेजने का प्रस्ताव दिया था लेकिन वे नहीं गए. वजहः "ये मेरा काम नहीं है. चाहूं तो पीएम की मुलाकात मुझे पांच मिनट में मिल जाए पर मैं क्यूं जाऊं?"
अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी को आगे बढ़ाते हुए बापू कहते हैं, "जहां तक मैं समझ रहा हूं, मैं गलत भी हो सकता हूं, आदमी कब लड़खड़ा जाए, मेरा दर्शन बदल जाए, सामने वाले का बदल जाए, अल्लाह जाने...लेकिन मुझे लगता है, (इस सरकार के रहते) राष्ट्रद्रोह नहीं होगा. इतने सालों तक सत्ताओं ने राष्ट्र को बहुत नुक्सान पहुंचाया है. (मोदी सरकार में) राष्ट्र को ऊंचा उठाने की एक लगन है, वो मुझे लगता है कि रहेगी, रहनी चाहिए. न रही तो पूरे देश का सपना टूट जाएगा."