गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को खुलेआम पत्र लिखकर कहा कि वह ‘कानून का पूरी तरह से सम्मान’ करते हुये गुजरात दंगों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को अपना जवाब देंगे.
मोदी ने कहा, ‘एसआईटी ने मेरी उपस्थिति के लिये 21 मार्च की तिथि निर्धारित नहीं की थी. वे खबरें पूरी तरह से गलत हैं जिसमें यह कहा जा रहा था कि एसआईटी ने उन्हें 21 मार्च को पेश होने के लिये कहा था. मैं कानून का सम्मान करते हुये तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एसआईटी की गरिमा का ध्यान रखते हुये उसे अपना उत्तर दूंगा.’
मोदी का यह पत्र ऐसे समय में आया है जब ऐसी खबरें आ रही थी कि उन्होंने एसआईटी के सम्मन को अनदेखा कर दिया है. उन्होंने कहा कि सत्य को दबाया नहीं जा सकता है. यह अब मेरी जिम्मेदारी है कि सत्य को सामने लाने के लिये जरूरी तथ्यों को सामने रखूं.
इस पूरे विवाद पर अपना पक्ष रखते हुये मोदी ने कहा, ‘वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद मैंने विधानसभा और जनता के बीच में स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई भी व्यक्ति कानून से उपर नहीं है, चाहे वह किसी राज्य का मुख्यमंत्री ही क्यों न हो. ये केवल शब्द मात्र नहीं हैं. मेरा कार्य इस वक्तव्य में अपनी वास्तविक भावना में दिखता है. मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि भविष्य में भी मेरा यही दृष्टिकोण रहेगा.’ मोदी ने कहा कि वह इस बात की जांच करायेंगे कि क्यों और कौन यह झूठ फैला रहा है कि एसआईटी ने उन्हें 21 मार्च के लिए सम्मन जारी किया था.
उन्होंने कहा, ‘झूठ फैलाने वालों ने यह भी नहीं सोचा कि 21 मार्च 2010 को रविवार है और उस दिन सार्वजनिक अवकाश है. इन झूठे लोगों ने एक बार यह जांच करने की जहमत नहीं उठाई कि इस दिन एसआईटी के प्रमुख अधिकारी गुजरात में रहेंगे या नहीं.’ मोदी ने दावा किया कि कुछ स्वार्थी लोग कानून की प्रक्रिया में बाधा डालना चाहते हैं और उन्हें ऐसे व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं जिसने एसआईटी को उत्तर देने से मना कर दिया.
मोदी ने मीडिया पर धावा बोलते हुये कहा, ‘यह देश पिछले 24 घंटों के दौरान मेरे खिलाफ चलाये गये दुष्प्रचार अभियान का गवाह रहा है. मीडिया का एक वर्ग दुष्प्रचार फैलाने वाले लोगों का यंत्र बन गया है. मैं आशा करता हूं कि यह वर्ग अपनी भूल को सुधारने के लिये कदम उठायेगा.’ मोदी ने आरोप लगाया कि वर्ष 2002 के बाद से ही गुजरात की छवि को धूमिल करने के लिये लगातार प्रयास किये गये हैं. वे लोग गुजरात की जनता को भड़काना चाहते हैं.
मोदी ने कहा, ‘गुजरात सरकार ने हमेशा से ही गोधरा और उसके बाद की घटनाओं की जांच कर रही जांच एजेंसियों, आयोगों और उच्चतम न्यायालय का सम्मान किया है तथा उनके साथ सहयोग किया है.’ उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुये कहा, ‘मैंने इस विश्वास के साथ चुप रहने का फैसला किया था कि कानून अपना काम करेगा. लेकिन ऐसे समय पर जब दुष्प्रचार फैलाने वाले अपनी चरम सीमा पर पहुंच गये तब मुझे विवश होकर देशवासियों के समक्ष तथ्यों को रखना पड़ा. मैं इसे अपना विनम्र उत्तरदायित्व भी मानता हूं.