नरेन्द्र मोदी पर लगातार किताबें लिखी जा रही हैं और वे बिक भी रही हैं. उन पर अब तक 80 किताबें छप चुकी हैं और अभी कई लिखी भी जा रही हैं. एक समाचार पत्र के मुताबिक नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक जीत के बाद उन पर किताबें लिखने की होड़ मच गई है. इससे प्रकाशन उद्योग को बहुत सहारा मिल गया है. देश के कोने-कोने में उन पर किताबें लिखी जा रही हैं.
अब जो किताबें आ रही हैं उनमें उनकी राजनीतिक यात्रा के बारे में नहीं लिखा जा रहा है बल्कि उनके जीवन के अनछुए पहलुओं के बारे में लिखा गया है. मसलन वह इमरजेंसी में कहां थे, उन्होंने कब घर छोड़ दिया, उनका खान-पान क्या है, वगैरह-वगैरह.
दिल्ली के अशोक रोड स्थिक पार्टी कार्यालय में मोदी पर विभिन्न भाषाओं में 180 किताबें हैं. ज्यादातर किताबें हिन्दी और गुजराती में हैं. कुछ किताबें अंग्रेजी में भी लिखी गई हैं. इनका विमोचन प्रतिष्ठित लोग कर रहे हैं मसलन अरूण जेटली, स्मृति ईरानी वगैरह. इनके लेखक पत्रकार, आरएसएस कार्यकर्ता, वकील और यहां तक कि उनके बॉडी गार्ड द्वारा भी लिखी गई हैं. इनमें कुछ किताबें तो कॉमिक्स, पिक्चर बुक और जीवनी हैं. गुजरात के एक प्रकाशन हाउस ने तो उन पर एक पूरी सीरीज प्रकाशित की है.आडवाणी भी यहां उनका साथ देते दिख रहे हैं. उनकी किताब माय कंट्री, माय लाइफ भी वहां है जो काफी बिक रही है.