scorecardresearch
 

GST पर झुकी मोदी सरकार, कैबिनेट ने दी दो संशोधनों को मंजूरी, लेकिन कांग्रेस को मनाना बाकी

लंबे समय से अटके पड़े वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक की राह अब आसान हो गई है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कांग्रेस और राज्यों के अहम सुझावों को मानते हुए कुछ प्रमुख बदलावों को मंजूरी दे दी.

Advertisement
X
GST बिल पर झुकी मोदी सरकार
GST बिल पर झुकी मोदी सरकार

मोदी कैबिनेट ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक में कुछ प्रमुख बदलावों को मंजूरी दे दी है. राज्यों को एक फीसदी अतिरिक्त विनिर्माण कर लगाने संबंधी प्रावधान हटा लिया गया है. इसके साथ ही जीएसटी लागू होने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी दी जाएगी.

बिल में यह भी प्रावधान किया जाएगा कि जीएसटी लागू होने पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद की सूरत में जीएसटी परिषद में मामला जाए और वही फैसला करे. इस परिषद में केंद्र और राज्य दोनों के नुमाइंदे होंगे. बिल पर संसद में अगले हफ्ते चर्चा हो सकती है.

प्रमुख राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू
राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बिल पर सहमति बनाने के लिए प्रमुख राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है. कांग्रेस नेताओं से कई दौर की बातचीत पहले ही हो चुकी है. बुधवार को जेटली ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से चर्चा की. ममता जीएसटी बिल पर सरकार के साथ हैं और एनसीपी ने भी समर्थन का भरोसा दिया है. वहीं जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही सरकार को बिल पर समर्थन देने का आश्वासन दे चुके हैं.

Advertisement

आम सहमति बनना अब हो सकता है आसान
अब बिल का अंतिम खाका तैयार करने के लिए वित्त मंत्री इस हफ्ते लेफ्ट नेताओं के साथ-साथ छोटे दलों से भी मुलाकात करेंगे. कांग्रेस के साथ अनौपचारिक बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अब जबकि सरकार ने कांग्रेस की तीन में से एक बात मान ली है, इसलिए मुमकिन है कि अंतिम दौर की बातचीत में दोनों के बीच आम सहमति बन जाए.

कांग्रेस की तीन में से एक मांग पूरी
विधेयक में एक प्रतिशत अंतर-राज्यीय कर को खत्म कर सरकार ने कांग्रेस की तीन में से एक मांग को मान लिया है. कांग्रेस की दो अन्य मांगों पर कोई पहल नहीं हुई है. कांग्रेस की मांग है कि जीएसटी की अधिकतम दर का संविधान में उल्लेख किया जाए और कर विवाद का निपटारा सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश की अध्यक्षता वाली संस्था करे, जबकि सरकार का कहना है की यह प्रावधान संविधान संशोधन नहीं, बल्कि जीएसटी एक्ट में शामिल किया जा सकता है.

इस सत्र में बिल को मिल सकती है मंजूरी
संसद का यह सत्र 12 अगस्त को खत्म हो रहा है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद मुमकिन है कि सरकार अगले हफ्ते विधेयक को राजयसभा में पेश करे. सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी पहले ही जीएसटी पर चर्चा के लिए पांच घंटे का समय दे चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सत्र की शुरुआत में विपक्ष से जीएसटी पास कराने की अपील की थी और वित्त मंत्री को छोटे दलों से भी तालमेल बैठाने को कहा था. फिलहाल संकेत यही है कि इस सत्र में बिल को मंजूरी मिल जाएगी.

Advertisement
Advertisement