देश के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी का कहना है कि चुनाव में नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी ने झूठे वादे करके जनता को छला है. आज तक के कार्यक्रम 'सीधी बात' में मनीष तिवारी ने मोदी सरकार पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी ने चुनाव के दौरान झूठे वादे किए. जनता को यह क्यों नहीं बताया था कि महंगाई पर काबू पाने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे. कई जरूरी चीजें महंगी हो जाएंगी. सबसे जरूरी यह है कि मोदी सरकार को अपने कड़े फैसलों की जिम्मेदारी लेनी होगी. अब वह अपने फैसलों के लिए यूपीए और उसकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराना बंद करे.'
मनीष तिवारी ने आगे कहा, 'इस सरकार ने मात्र एक महीने में कई गलतियां की हैं. आने वाले समय में इस सरकार को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, और ऐसे समय में कांग्रेस फिर से एकजुट होगी. हम सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे.'
शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को मोदी द्वारा न्योता दिए जाने को इस कांग्रेस नेता ने बीजेपी का दोहरा चरित्र करार दिया. उन्होंने कहा, 'बीजेपी जो बोलती है वह करती नहीं. पिछले 10 सालों से बीजेपी यही कहती थी कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकते, लेकिन सत्ता में आते ही आतंकवाद का कोई हल निकाले बिना मोदी ने नवाज को न्योता भेज दिया. उनके इस फैसले से पाकिस्तान के कुछ संगठनों को गलत संदेश गया है. इन संगठनों को ऐसा लगता है कि आतंक के खिलाफ बीजेपी का सख्त रवैया सिर्फ चुनावी प्रोपेगेंडा था.'
'सीधी बात' कार्यक्रम में मनीष तिवारी ने कांग्रेस और राहुल गांधी से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया. इंटरव्यू के मुख्य अंश..
सवालः राहुल गांधी के छुट्टी लेकर घूमने के मसले पर आप क्या सोचते हैं?
मनीष तिवारी- हर व्यक्ति की अपनी शैली होती है और वह उसी के अनुरुप काम करता है. राहुल गांधी पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं. कई व्यक्ति जो काम चौबीस घंटे में करते हैं वह दूसरे व्यक्ति चार घंटे में कर लेते हैं, तो ज्यादा देर काम करने का मतलब ये नहीं कि आप बहुत काबिल हैं. ज्यादा देर काम करने का मतलब ये भी हो सकता है आप बहुत ज्यादा काबिल नहीं है. क्योंकि ऑफिस के लिए निर्धारित समय में आप काम नहीं कर पा रहे हैं. प्राकृतिक नियम है कि व्यक्ति कुछ देर काम करता है और कुछ समय आराम करता है. इसलिए ये कहना कि एक व्यक्ति छुट्टी लेता है, नहीं लेता है, उसके काम करने की क्षमता ज्यादा, कम है यह बिल्कुल बेबुनियाद आरोप है.
सवालः क्या राहुल गांधी मोदी को हरा पाएंगे?
मनीष तिवारी- कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का मनोबल नहीं गिरा हुआ है. लेकिन इस बात पर चिंतन हो रहा है कि दस साल तक हमने सरकार चलाई, सरकार में रचनात्मक काम हुए. उसके बावजूद ये हार हुई है. हार के कारणों पर बहुत ही गंभीरता से चिंता करने की जरुरत है. और ऐसे कदम उठाने की जरुरत है जिससे हम लोगों का भरोसा जीत सके, तो इसका ये मतलब नहीं है कि मनोबल गिरा हुआ है.
सवालः मल्लिकार्जुन को नेता विपक्ष बना दिया, उन्हें लोकसभा में कहना चाहिए था कि मैं दूंगा मोदी को मात, ना लड़ना चाहते हैं, ना भिड़ना चाहते हैं. छुट्टी मनाना चाहते हैं.....
मनीष तिवारी- नेता विपक्ष बन जाए तो फिर आप वंशवाद का आरोप लगाना शुरू देंगे. हमने दलित समुदाय से आने वाले एक वरिष्ठ नेता को विपक्ष का नेता बनाया. राहुल गांधी के पास उपाध्यक्ष का पद है तो इसका मतलब ये नहीं कि उनके पास नेता विपक्ष का भी पद होना चाहिए. नेता विपक्ष किसी और को इसलिए बनाया है कि संसद का काम भी आसानी से चल सके और पार्टी का पुर्ननिर्माण हो सके. आपके आरोप बिल्कुल बेबुनियाद है और देखिएगा आने वाले महीनों में जैसे जैसे ये सरकार गलती करेगी, अगर इसके पहले एक महीने का विश्लेषण करे तो इस सरकार को आने वाले दिनों में काफी कठिनाइयों का सामना करना होगा. और उस समय कांग्रेस एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाती मिलेगी.
सवालः पहले राहुल गांधी और उसके प्रियंका गांधी के बच्चे.. इसी तरह कांग्रेस का नेतृत्व रहेगा.
मनीष तिवारी- नेहरू गांधी परिवार कांग्रेस पार्टी से एक भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है.
सवालः टाइटल ही देश चलाने के लिए काफी नहीं है.
मनीष तिवारी- मैं आपकी बात मानने के लिए बिल्कुल तैयार हूं. सिर्फ टाइटल ही नहीं ठोस काम भी रहा है. 1999 से लेकर 2004 तक सोनिया गांधी ने जिस तरह नेतृत्व किया था और जिस तरह सांप्रदायिक शक्तियों का विरोध किया था. इसलिए 2004 में कांग्रेस पार्टी यूपीए बना पाई और हमारी सरकार बनी. तो केवल सरनेम की वजह से नहीं था, उन्होंने प्रधानमंत्री का पद भी त्यागा. और दस साल तक उस पर खड़ी रही. इसलिए ये कहना कि कांग्रेस सिर्फ एक परिवार और वंशवाद में विश्वास रखती है. वो परिवार कांग्रेस पार्टी और इस देश का जो अभिप्राय है उसमें विश्वास रखता है. इसलिए डॉ. मनमोहन सिंह दस साल तक प्रधानमंत्री रहे.