प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल का आगाज कर दिया है. 30 मई को शपथ लेने के बाद शुक्रवार को पीएम मोदी ने महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुए अपनी नई पारी का आगाज किया. कैबिनेट की पहली मीटिंग में पीएम मोदी ने जवान और किसानों से जुड़े अहम फैसले लिए. जबकि 2014 की पहली कैबिनेट बैठक में कालेधन के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.
शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो पहला फैसला लिया वो भारत की रक्षा करने वालों को समर्पित है. इस फैसले के तहत सरकार ने राष्ट्रीय रक्षा कोष के तहत 'प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना' में अहम बदलावों को मंजूरी दी. इस फैसले में जहां छात्रवृत्ति की रकम में इजाफा किया गया है, वहीं इस योजना में राज्य पुलिसकर्मियों को भी शामिल किया गया है.
सरकार की इस योजना के तहत रक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मियों के बच्चों को स्कॉलरशिप दी जाती है. अब तक इस व्यवस्था के तहत लड़कों को 2,000 रुपये प्रति माह और लड़कियों को 2,500 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 2,250 और 3,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है.
साथ ही इस योजना में अब ऐसे राज्य पुलिस कर्मियों के बच्चों को भी शामिल किया गया है, जो आतंकी/नक्सल हमलों के दौरान शहीद हो गए हैं. राज्य पुलिस कर्मियों के बच्चों के लिए नई छात्रवृत्तियों का कोटा एक साल में 500 होगा. अब तक इस कोष का उपयोग सशस्त्र बलों, अर्ध-सैन्य बलों और रेलवे सुरक्षा बल के सदस्यों तथा उनके आश्रितों के कल्याण के लिए किया जाता है.
सभी किसानों को मिलेगा सम्मान
पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शर्त को भी खत्म कर दिया गया है. अब देश के सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा. इस योजना के तहत किसानों को 6,000 रुपये सालाना सहायता राशि सीधे उनके खातों में भेजी जाती है. चुनाव से पहले सरकार ने जब यह फैसला किया था, तब इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को देने का निर्णय लिया गया था जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम जमीन हो. लेकिन अब यह शर्त खत्म कर दी गई है.
योजना में संशोधन करते हुए इसके तहत दो करोड़ और किसानों को शामिल किया गया है. बदलाव के बाद अब इस योजना का लाभ करीब 14.5 करोड़ किसानों को मिलेगा और 2019-20 में इस पर अनुमानित खर्च 87,217.50 करोड़ रुपये होगा.
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में मोदी सरकार ने किसान पेंशन योजना को भी मंजूरी दी है. यह योजना किसानों और सरकार की हिस्सेदारी से चलेगी, जिसमें 60 साल की उम्र के बाद हर महीने किसानों को 3 हजार रुपये मिलेंगे.