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सितारों की चमक के वावजूद BMC चुनाव फीका

बीएमसी समेत महाराष्ट्र के दस शहरों की महानगर पालिकाओं के लिए चुनाव पूरा हो गया. मुंबई में मतदान फीका रहा. यहां करीब 45 फीसदी लोगों ने ही अपने वोट का इस्तेमाल किया.

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बीएमसी चुनाव
बीएमसी चुनाव

बीएमसी समेत महाराष्ट्र के दस शहरों की महानगर पालिकाओं के लिए चुनाव पूरा हो गया. शुक्रवार को सभी जगहों के नतीजे भी आ जाएंगे. साथ ही 27 जिला परिषद चुनाव के नतीजे भी आएंगे. मुंबई के अलावा ठाणे, उल्हासनगर, पुणे, पिंपरी चिंचवाड़ा, नागपुर, सोलापुर, नासिक, अमरावती और अकोला की महानगर पालिकाओं में भी चुनाव हुआ.

मुंबई में मतदान फीका रहा. यहां करीब 45 फीसदी लोगों ने ही अपने वोट का इस्तेमाल किया. वैसे बॉलीवुड सितारे बड़ी संख्या में वोट डालने पहुंचे. शाहरूख खान ने अपना वोट डाला. नागपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी स्कूटी पर बैठकर अपना वोट डालने पहुंचे.

आम लोगों का उत्साह तो कम ही था, लेकिन पोलिंग बूथ पर सितारों की चमक खूब रही. मुंबई को संवारने के लिए, मुंबई को सुधारने के लिए आम लोगों की लाइन में फिल्मी सितारे भी खड़े थे.

बीएमसी चुनावों में अपनी पसंद का उम्मीदवार चुनने के लिए हर इलाके में सुबह से ही मायानगरी के सितारे पोलिंग बूथ पर पहुंच रहे थे. बांद्रा इलाके में अरबाज खान ने आकर वोट डाला. अरबाज के पिता सलीम खान भी जल्दी ही अपना वोट डालकर चले गए.

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निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर भी वोट डालनेवालों में शामिल थे.

संजय दत्त तो मुंबई में नहीं थे. लेकिन उनकी पत्नी मान्यता दत्त ने वोट जरूर डाला.

इस बार के बीएमसी चुनावों को लेकर बॉलीवुड सितारों के उत्साह का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभिनेत्री जूही चावला जिंदगी में पहली बार वोट डालने पहुंचीं. मालाबार हिल में उन्होंने अपना वोट दिया.

हालांकि बॉलीवुड की इन मशहूर हस्तियों में से कुछ को वोटिंग के दौरान कई मुश्किलें भी हुईं. मशहूर गीतकार और फिल्मकार गुलजार तो वोट डाले बिना ही लौट गए. कुछ और को भी कई तरह की दिक्कतें आईं. दिक्कतें जरूर थीं. लेकिन बॉलीवुड का उत्साह बरकरार रहा. जोया अख्तर से लेकर आमिर खान की पूर्व पत्नी रीना ने भी मतदान किया.

फिल्मी सितारों के साथ-साथ राजनेताओं ने भी बढ़-चढ़कर किया महाराष्ट्र निगम चुनावों में मतदान. मुंबई में पूरा ठाकरे खानदान एक साथ वोट डालने पहुंचा.

ठाकरे खानदान की तीनों पीढ़ी एक साथ पहुंची थी अपना वोट डालने को. शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे ने अपने बेटे उद्धव और पोते के साथ वोट डाला.

मुंबई के सबसे चर्चित सियासी परिवार से लेकर आम लोगों तक में था बीएमसी चुनावों का उत्साह. 90 साल की बूढ़ी औरत से लेकर पहली-पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाले युवाओं ने भी डाला वोट.

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बीएमसी चुनावों के लिए वोट डालने वालों में कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त भी थीं. दिक्कतें थीं, लेकिन वो पूरी तैयारी के साथ आईं थीं.

मुंबई के अलावा महाराष्ट्र के दूसरे नगरनिगमों के लिए भी वोट डाले गए और हर जगह सियासतदानों का उत्साह दिखा. BJP अध्यक्ष नितिन गडकरी नागपुर में स्कूटी से वोट डालने आए. पुणे में सुरेश कलमाड़ी ने भी वोट डाला. हालांकि आम लोगों का उत्साह थोड़ा कम दिखा. लेकिन इसके बावजूद महाराष्ट्र नगरनिगमों के चुनाव में कई तरह के रंग थे.

इस बार पूरी मुंबई में सिर्फ 28 मतदान केन्द्र ऐसे थे जहां पोलिंग बूथ पहली मंजिल पर बने थे. मतदाताओं को दिक्कत ना हो इस वजह से बीएमसी ने ऐसे सभी बूथों पर पालकी की व्यवस्था की थी.

बीएमसी की 227 सीटों के लिए सिर्फ 45 फीसदी मतदाताओं ने ही वोट डाले. वैसे गुरुवार को सुबह से ही पोलिंग बूथ पर जैसा नजारा दिख रहा था उससे साफ हो गया था कि मतदान फीका रहने वाला है. दोपहर साढ़े 3 बजे तक सिर्फ 35 फीसदी लोगों ने अपने वोट डाले थे.

साउथ मुंबई के पॉश इलाकों में तो पोलिंग बूथ पर मतदाताओं से ज्यादा चुनावकर्मी नजर आ रहे थे.

मुंबईकर शहर के हालात को लेकर शिकायतें तो खूब करते हैं लेकिन जब हालात बदलने का मौका उन्हें दिया जाता है तो वोट देने के वक्त नदारद रहते हैं. ऐसे लोगों के लिए अभिनेत्री शबाना आज़मी ने नसीहत भी दी.

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शबाना आजमी ने कहा, ‘जो लोग वोट नहीं डालते उन्हें शिकायत करने का कोई अधिकार नहीं है.’

कुछ सितारों अपने वोट डालने वजह भी बताई. कैलाश खेर ने कहा, ‘सितारे भी हमारी आपकी तरह जमीन पर ही चलते हैं. सड़कों में गड्ढ़े, और लंबे-लंबे जाम जैसी दिक्कतों का इन्हें भी सामना करना पड़ता है. कैलाश खेर मूकदर्शक की भूमिका में नहीं रहना चाहते. उनका मानना है कि हर एक वोट जरूर होता है इसलिए सुबह सुबह पहुंचकर उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. ताकि एक अच्छा उम्मीदवार चुना जा सकें जो जनता की समस्याओं को समझें.’

शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज भी अपने पिता के साथ वोट डालने पहुंची. दुर्गा के वोट देने की वजह भी सड़कों के गड्ढ़ें हैं. दुर्गा के मुताबिक उनके कुछ दोस्तों को जानलेवा गड्ढ़ों के चलते फ्रैक्चर भी हो चुका है.

दुर्गा जसराज ने कहा, ‘मुंबईकर चाहते हैं कि उनकी परेशानियों को सुना जाए. मगर सच्चाई यही है कि आधे से ज्यादा मुंबईकरों ने एक बार फिर अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया.’ इस चुनाव के लिए बीएमसी और चुनाव आयोग दोनों ने अलग अलग कैंपेन भी चलाया था जिससे तकरीबन एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्चा हुआ. मगर मुंबईकर की वोटिंग के प्रति बेरूखी कायम रही. पिछली बार के बीएमसी चुनाव में 46 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे. जबकि उससे पहले के बीएमसी चुनाव में वोटिंग का आंकड़ा 42 फीसदी था.

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