मेघालय सरकार ने राज्य के ईस्ट खासी हिल्स जिले में खासी छात्र संघ (केएसयू) और गैर-आदिवासियों के बीच झड़प के बाद सरकार ने राज्य के 6 जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं. साथ ही राजधानी शिलॉन्ग में हिंसा भड़कने के बाद बड़ा बाजार क्षेत्र में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है.
शिलॉन्ग के बड़ा बाजार क्षेत्र में हुई हिंसा की घटना के बाद फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है. इस हिंसा में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. ईस्ट खासी हिल्स जिले के एसपी क्लाडिया ए लंगवा ने कहा कि कल शुक्रवार को हुई हिंसा में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
बैठक के दौरान हिंसा भड़की
मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और इनर लाइन परमिट (ILP) पर एक बैठक के दौरान केएसयू सदस्यों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़पों में दो लोगों की मौत हो गई.
हिंसा के बाद की स्थिति
अधिकारियों ने कहा कि खासी छात्र संघ के सदस्यों और गैर-आदिवासियों के बीच शुक्रवार को जिले के इछामती इलाके में सीएए के विरोध और आईएलपी के समर्थकों की बैठक के दौरान दोनों पक्षों में झड़प हो गई.
हिंसा में घायल पुलिसकर्मी
हिंसा के बाद राज्य के छह जिलों (पूर्वी जयंतिया हिल्स, वेस्ट जयंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री भोई, वेस्ट खासी हिल्स एक साउथ वेस्ट खासी हिल्स) को शुक्रवार रात से अगले 48 घंटों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है.
स्थानीय प्रशासन ने राजधानी शिलॉन्ग और आसपास के इलाकों में 28 फरवरी की रात 10 बजे से 29 फरवरी की सुबह 8 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया था. लेकिन फिर से हिंसा भड़कने के बाद आधी रात तक के लिए फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है.
जवाबी कार्रवाई से भड़की हिंसा
स्थानीय रिपोर्टों से पता चलता है कि झड़प के दौरान केएसयू के कुछ सदस्यों ने एक बाजार के किनारे घास का ढेर जला दिया और फिर एक घर को जलाने की भी कोशिश की. इसके बाद दूसरे पक्ष की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई जिसने कथित तौर पर केएसयू सदस्यों के कई वाहनों पर हमला किया.
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इस झड़प में मारे गए एक शख्स की पहचान केएसयू सदस्य के रूप में हुई है और उसका नाम लुरशाई हाइनेविता के रूप में की गई है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं.
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इस बीच, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कई कंपनियों को तैनात किया गया है.