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असम, अरुणाचल प्रदेश में अचानक मरने लगे सूअर, मेघालय ने आयात पर लगाया बैन

असम के धेमाजी, उत्तरी लखीमपुर, बिश्वनाथ, डिब्रूगढ़, शिवसागर और जोरहाट और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में सूअरों की असामान्य मौत हुई है. इसी को देखते हुए अगले आदेश तक मेघालय में अन्य राज्यों से सूअरों के परिवहन पर रोक लगा दी गई है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

  • असम और अरुणाचल प्रदेश में सूअरों की संदिग्ध मौत
  • मेघालय में अन्य राज्यों से सूअरों के परिवहन पर रोक

देश में लॉकडाउन जारी रहने के बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में दिनोंदिन तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में सभी राज्य सरकारें एहतियातन कई कदम उठा रही हैं. मेघालय सरकार ने भी बड़ा फैसला लिया है. मेघालय सरकार ने सोमवार को असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों से पशुओं की मौत के बाद सूअरों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. बता दें कि वहां सूअरों का मांस लोगों का प्रमुख भोजन है.

असम के धेमाजी, उत्तरी लखीमपुर, बिश्वनाथ, डिब्रूगढ़, शिवसागर और जोरहाट और अरुणाचल प्रदेश के कुछ जिलों में सूअरों की असामान्य मौत हुई है. इसी को देखते हुए अगले आदेश तक मेघालय में अन्य राज्यों से सूअरों के परिवहन पर रोक लगा दी गई है. पशु चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव एसपी अहमद ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी.

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सभी सरकारी सूअर फार्म, निजी खेतों और सूअर किसानों को स्वच्छता और जैव सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय करने के आदेश दिए गए हैं और सरकारी आदेश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है.

इसके अलावा सूअरों में तेज बुखार और कोई भी असामान्य लक्षण दिखने पर फौरन जिला अधिकारियों को सूचित करने का आदेश दिया गया है. इस फैसले को लेकर उप मुख्यमंत्री प्रस्टोन तिनसॉन्ग ने कहा कि दोनों राज्यों के सूअर किसी न किसी तरह के फ्लू से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद सबकुछ साफ हो जाएगा.

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डिप्टी सीएम ने लोगों से नहीं घबराने की अपील की है और कहा है कि सूअर के मांस का सेवन राज्य के भीतर पाए जाने वाले सूअरों से ही किया जाना चाहिए और कम से कम 30 मिनट तक के लिए मांस को पकाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "सभी जिलों को सतर्क कर दिया गया है. डिप्टी सीएम के मुताबिक पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग द्वारा सरकारी और निजी दोनों तरह के सूअरों के खेतों पर निगरानी रखने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

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