अब तक मेडीक्लेम यानी स्वास्थ्य बीमा की सुविधा सिर्फ अस्पताल में दाखिल होने पर ही उपलब्ध थी. यानी मरीज को कम से कम 24 घंटे अस्पताल में रहना ही होता था. उसके बाद ही उसे मेडीक्लेम का हक मिलता था. लेकिन अब इसमें बदलाव होने जा रहा है और डॉक्टर को दिखाने यानी कंसल्ट करने पर भी यह सुविधा मिल सकती है.
अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने खबर दी है कि अब बीमा कंपनियां ऐसी व्यवस्था कर रही हैं कि मरीज को डॉक्टर को दिखाने पर भी बीमा का लाभ मिले. इसका मतलब हुआ कि कैशलेस ओपीडी भी अब उपलबध है. हालांकि इसमें कई तरह की शर्तें होंगी लेकिन फिर भी यह बहुच बड़ी राहत होगी.
खबर के मुताबिक कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां इस विचार को लागू करना चाहती हैं और कुछ ने इसकी शुरुआत भी कर दी है. उन्होंने ऐसी व्यवस्था की है कि जब किसी ग्राहक को डॉक्टर के पास जाना पड़ जाएगा तो उसे उसकी फीस नहीं देनी पड़ेगी. यानी कैशलेस इलाज. कुछ साल पहले एक-दो कंपनियों ने ऐसी व्यवस्था की थी लेकिन वह कैशलेस नहीं थी. उसमें फीस देने के बाद रीइम्बर्समेंट होता था. यानी मरीज को पहले पैसे देने होते थे और बिल मिलने के बाद बीमा कंपनी उसका भुगतान करती थी.
ऐसी ही एक सुविधा अपोलो म्युनिख मैक्सिमा ने दी है. उसने कई तरह के इलाज के लिए वाउचर का प्रावधान किया है जो डॉक्टरों द्वारा स्वीकार्य होंगे. इनसे दवाइयां भी मिल सकेंगी.
इसमें एक शर्त यह है कि डॉक्टर को दिखाने पर एक बार में ज्यादा से ज्यादा 600 रुपये ही मिल पाएंगे. इसके अलावा मरीज के डॉक्टर को दिखाने की सीमा भी है. यानी मरीज कितनी बार डॉक्टर को दिखा पाएगा उसकी भी संख्या तय है.