बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के मौके पर राहुल गांधी ने अंबेडकरनगर में बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार दलित विरोधी है. मायावती की सरकार के पास शिक्षा के लिए पैसे नहीं हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र ने राज्य में पैसे भेजे लेकिन उसका सही इस्तेमाल नहीं होता है. कांग्रेस की सरकार ने मनरेगा, आरटीआई और शिक्षा का अधिकार जैसा कानून बनाया. उत्तर प्रदेश में पिछड़ेपन का कारण दलितों को लेकर हो रही राजनीति है.
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो एवं उप्र की मुख्यमंत्री मायावती ने आरोप लगाया कि देश की स्वतंत्रता के 63 वर्ष बीत जाने के बाद भी केन्द्र और ज्यादातर राज्य सरकारों ने विशेष रुप से कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों के नेताओं ने जातिवादी मानसिकता के चलते संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर सहित तमाम दलित महापुरुषों एवं संतो की उपेक्षा की.
डा. अम्बेडकर की 119वी जयंती पर आज यहां राजधानी लखनऊ में नवनिर्मित सामाजिक परिवर्तन स्थल में डा. अम्बेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि देश के सभी विपक्षी दलों विशेष रुप से कांग्रेस ने दलित और पिछड़े समाज के महापुरुषों, संतों और गुरुओं का अपनी जातिवादी मानसिकता के चलते सम्मान नहीं दिया जो निदंनीय और अशोभनीय है.
बसपा सुप्रीमो ने यूं तो भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों को जमकर कोसा पर कांग्रेस को खास तौर से निशाना बनाते हुए कहा कि देश और राज्यों में सबसे ज्यादा सत्ता में कांग्रेस रही और उसने कभी डा. अम्बेडकर और हमारे समाज के अन्य महापुरुषों का सम्मान नहीं किया.
मायावती ने कहा कि कांग्रेस भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों ने अपने समाज के महापुरुषों को जिस तरह आदर और सम्मान दिया अगर उसी तरह दलित समाज के महापुरुषो को भी सम्मान दिया होता तो शायद ’’हमें प्रदेश में बहुजन समाज के महापुरुषों, संतो और गुरुओं के स्मारक, संग्रहालय बनवाने और मूर्तियां लगाने की जरुरत नही पड़ती.’’ उन्होंने कहा कि तमाम विरोध के बावजूद बसपा अपने समाज के संतों, गुरुओं व महापुरुषों का सम्मान करती रहेगी.