अयोध्या मसले पर बृहस्पतिवार, 30 सितंबर को दोपहर बाद 3.30 बजे हाई कोर्ट को फैसला आने वाला है. इसके मद्देनजर देशभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
अयोध्या पर आने वाले इस फैसले पर देश के गृहमंत्री पी चिदंबरम ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. चिदंबरम ने कहा कि पूरे देश में सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है. केवल उत्तर प्रदेश में ही 1.90 लाख पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
इस बीच उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने गृहमंत्री पी चिदंबरम को चिट्ठी लिखकर अयोध्या मसले पर फैसले के दिन और सुरक्षाबलों को मुहैया कराए जाने की मांग की है.
इससे पहले मंगलवार, 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे 60 साल पुराने बाबरी मस्जिद रामजन्मभूमि मालिकाना हक विवाद का फैसला सुनाने का मार्ग प्रशस्त करते हुए फैसले को स्थगित करने का आग्रह वाला याचिका खारिज कर दी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच 30 सितंबर को इस मामले में अपना फैसला सुना देगी. अदालत ने फैसला सुनाने के लिए दोपहर बाद 3.30 बजे का समय तय किया है.
मालिकाना हक संबन्धी विवाद का बातचीत के जरिये हल निकालने के इलाहाबाद हाईकोर्ट का 24 सितम्बर को सुनाया जाने वाला फैसला टालने का आग्रह करते हुए सेवानिवृत्त नौकरशाह रमेश चन्द्र त्रिपाठी द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका के आधार पर गत 23 सितम्बर को शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाये जाने पर अंतरिम रोक लगाते हुए सभी पक्षों को नोटिस जारी किया था. लगभग दो घंटे तक सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जल्दी ही अयोध्या मालिकाना हक मामले पर अपना फैसला सुना देगा क्योंकि मामले की सुनवाई कर रही पीठ के तीन न्यायाधीशों में से एक, न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा एक अक्तूबर को ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं.