टेकओवर मामले में मैक्सफोर्ट स्कूल ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली एजुकेशन एक्ट में सेक्शन 20 के तहत स्कूल को टेकओवर किया है. लेकिन एलजी की तरफ से स्कूल को अपना पक्ष रखने के लिए भी कोई मौका नहीं दिया गया. स्कूल को अपना पक्ष रखने के लिए डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन के पास भेजा गया लेकिन एक्ट के मुताबिक टेकओवर करने वाले को ही स्कूल का पक्ष सुनना होता है.
मैक्सफोर्ट स्कूल के वकील ने कहा कि ये दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल का स्कूल को टेकओवर करने का राजनीति से प्रेरित राजनीतिक फ़ायदा लेने वाला क़दम था.
DOE का आदेश तार्किक नहीं है और स्कूल में हुए अनियमितताओं का स्कूल को टेकओवर करने से कोई लेना देना नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी.
आर्थिक अनियमितततों का आरोप
हाई कोर्ट ने अभी मामले में टेक ओवर को लेकर सरकार को यथास्थिति बनाये रखने को कहा है. मैक्सफोर्ट स्कूल पर है और साथ ही EWS कैटेगरी के बच्चों को एडमिशन न देने और टेम्पररी कॉन्ट्रैक्ट पर टीचर्स रखने का आरोप है.
मैक्सफोर्ट स्कूल की दो ब्रांच हैं
हाल ही में उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को स्कूल को टेकओवर करने की इजाजत दे दी थी. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने स्कूल को सील करना शुरू कर दिया था. करीब 4 महीने पहले ही दिल्ली सरकार ने कहा था कि इस प्राइवेट स्कूल की गड़बडियों को देखते हुए सरकार इसे टेकओवर करेगी. केजरीवाल सरकार की तरफ से ये किसी प्राइवेट स्कूल को टेकओवर करने का पहला मामला है. मैक्सफोर्ट स्कूल की दो ब्रांच है एक पीतमपुरा और एक रोहिणी मे है.