अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील में हुई गड़बड़ी के मामले में जांच एजेंसियों को एक बड़ी कामयाबी मिली है. मॉरिशस फाइनेंशियल सर्विस कमिशन (FSC) ने डायरेक्टर और मनी लॉन्ड्रिंग रिपोर्टिंग ऑफिसर के तौर पर काम करने वाले शकील फकीरमहमूद को पद से हटा दिया है.
वीवीआईपी चॉपर डील मामले में 'आज तक' ने खुफिया कैमरे के जरिए रिश्वतखोरी के इस बड़े कांड में शामिल लोगों को बेनकाब करने की कोशिश की. पड़ताल में शकील का नाम भी सामने आया जिसके बाद उसे नौकरी से निकाला गया. आरोप है कि डील में जो रिश्वत दी गई उसका पैसा शकील के जरिए ही मॉरिशस से भारत आया था.
रिश्वत के तौर पर भेजा गया था पैसा
शकील ने कबूल किया है कि डील के लिए जो पैसा मॉरिशस से भारत भेजा गया उसका कुछ हिस्सा रिश्वत में दिया गया. उसने यह भी स्वीकार किया कि अगस्ता वेस्टलैंड डील के बिचौलिए गौतम खेतान को वह अच्छे से जानता है और पोर्ट लुइस सरकार में खेतान का नेटवर्क काफी अच्छा है.
'शकील आर्थिक अपराधों में शामिल'
FSC की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'शकील आर्थिक अपराधों में शामिल है, इसके सबूत मिले हैं. ऐसे में उसका ऑफिसर के तौर पर काम करते रहना ग्राहकों के लिए नुकसानदायक हो सकता है.'
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पर्रिकर ने एंटनी पर उठाया सवाल
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगस्ता डील में '101 फीसदी राजनीतिक हस्तक्षेप' किया गया था. उस वक्त के रक्षा मंत्री एके एंटनी में सही समय पर मामले की CBI जांच कराने की 'हिम्मत ही नहीं थी.'
पर्रिकर ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले में कभी भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, क्योंकि उनके खिलाफ अभी तक कोई सबूत नहीं है.