हिन्दू धर्मग्रंथों में माघ मास को बेहद पवित्र माना जाता है. ग्रंथों में ऐसा उल्लेख है कि इसी दिन से द्वापर युग का शुभारंभ हुआ था. यह अमावस्या दुख-दारिद्र्य दूर करने तथा और सभी को सफलता दिलाने वाली मानी गई है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से विशेष पुण्यलाभ प्राप्त होता है. इस बार मौनी अमावस्या 4 फरवरी 2019 को है. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन क्या करें दान, पढ़ें कौन-सा मंत्र
क्यों करें स्नान:-
शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि दिन नर्मदा, गंगा, सिंधु, कावेरी सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान, दान, जप, अनुष्ठान करने से कई दोषों का निवारण होता है. इस दिन ब्रह्मदेव और गायत्री का भी पूजन विशेष फलदायी होता है.
इस दिन मौन व्रत धारण करने और बताए गए मंत्रों के जप से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है.
किस मंत्र का करें जाप :-
अमावस्या के दिन इस मंत्र के जप से जातकगणों को विशेष उपलब्धि प्राप्त होगी. साथ ही स्नान दान का पूर्ण पुण्य मिलेगा.
..अयोध्या, मथुरा, माया, काशी कांचीर् अवन्तिका, पुरी, द्वारावतीश्चैव: सप्तैता मोक्षदायिका..
* ..गंगे च यमुनेश्चैव गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी जलेस्मिनेसंनिधि कुरू..
क्यों रखें मौन, पढ़ें महत्व :-
मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने का भी प्रचलन सनातन से चला आ रहा है. यह काल, एक दिन, एक मास, एक वर्ष या आजीवन भी हो सकता है. ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है.
क्या करें दान :-
मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कंबल, गरम वस्त्र, काले कपड़े, जूते दान करने का विशेष महत्व है. वहीं जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का है, उन्हें दूध, चावल, खीर, मिश्री, बताशा दान करने में विशेष फल की प्राप्ति होगी.
शास्त्रों में वर्णित है कि माघ मास में पूजन-अर्चन व नदी स्नान करने से भगवान नारायण को प्राप्त किया जा सकता है तथा इन दिनों नदी में स्नान करने से स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग मिल जाता है. जो लोग घर पर स्नान करके अनुष्ठान करना चाहते हैं, उन्हें पानी में थोड़ा-सा गंगा जल मिलाकर तीर्थों का आह्वान करते हुए स्नान करना चाहिए. इस दिन सूर्यनारायण को अर्घ्य देने से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है. अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करें. जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर है, वह गाय को दही और चावल खिलाएं तो मानसिक शांति प्राप्त होगी. इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना एवं दान कर मौन व्रत को धारण करने से पुण्य प्राप्ति और भगवान का आशीर्वाद मिलता है.