भारत-चीन सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में शहीद हुए मेजर प्रसाद महादिक की 30 वर्षीय पत्नी गौरी महादिक अपने पति को श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय सेना में शामिल होना चाहती हैं.
बता दें कि मेजर प्रसाद (31) की 30 दिसंबर को अरुणाचल सीमा के चीन बॉर्डर पर गोला-बारूद के टैंक चेक करने के दौरान अचानक हुए विस्फोट में मौत हो गई थी.
क्या करती हैं गौरी?
गौरी महादिक एक योग्य कंपनी सचिव (सीएस) और वकील हैं. वह मई 2017 से वर्ली में एक प्रतिष्ठित कानूनी फर्म के साथ काम कर रही हैं. उन्होंने इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ भी काम किया है. अब वह भारतीय सेना में शामिल होना चाहती हैं. उन्होंने कहा, "मेरा सेना में शामिल होना मेरे पति को सबसे अच्छी श्रद्धांजलि होगी."
सैन्य अकादमी शुरू करना चाहते थे मेजर
मेजर के अंकल शिवाजी महादिक ने बताया कि मेजर महादिक ने भवंस कॉलेज, अंधेरी से स्नातक किया है. 2003 में वे अपने परिवार के साथ विरार आ गए थे. प्रसाद गुहागर जिले में एक सैन्य अकादमी शुरू करना चाहते थे. ताकि युवा भारतीय सेना में शामिल हो सकें. मेजर महादिक मार्च 2012 में सेना में शामिल हुए थे.
सेना के सूत्रों ने बताया कि आग के कारण का पता लगाने के लिए भारतीय सेना ने आंतरिक जांच शुरू की है.