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BJP में कई लोगों को मुझसे घबराहट होती है: शत्रुघ्न सिन्हा

अभिनेता और बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर अपने चिर-परिचित अंदाज में विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में कई लोगों को उनसे घबराहट है इसलिए पार्टी में उनका पूरा इस्तेमाल नहीं किया जाता.

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शत्रुघ्न सिन्हा की फाइल फोटो
शत्रुघ्न सिन्हा की फाइल फोटो

बीजेपी में उपेक्षा किए जाने पर अभिनेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का दर्द छलक उठा है. अपने चिर-परिचित अंदाज में विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी में कई लोगों को उनसे घबराहट है इसलिए पार्टी में उनका पूरा इस्तेमाल नहीं किया जाता.

रैली में नहीं बुलाया
शॉटगन ने कहा कि वो लापता सांसद नहीं हैं, बल्क‍ि उनके कुछ विरोधियों ने उन पर यह टैग लगवाया है. 14 अप्रैल की पटना में रैली के लिए न्योता न मिलने पर उन्होंने कहा, 'यह पार्टी के भीतर की बात है. बुलावा आया या नहीं, निमंत्रण आया या नहीं आया. किन कारणों से नहीं बुलाया, प्रचार में नहीं प्रसार में नहीं ये सब देख रहा हूं, लेकिन ये सब परिवार के भीतर की बात है.'

आडवाणी की उपेक्षा
लालकृष्ण आडवाणी के सवाल पर शत्रुघ्न ने कहा, 'मैं नहीं कहूंगा की उनकी उपेक्षा हो रही है, लेकिन ये चीजें पार्टी का संसदीय बोर्ड ही तय करता है. भले ही मार्गदर्शक मंडल की बैठक नहीं हुई हो. ये हमारे नेता हैं और रहेंगे. कई बार दिखता है कि लोगों कि उपेक्षा हो रही है, लेकिन आडवाणी जैसे शख्स की कोई उपेक्षा नहीं कर सकता. नरेंद्र मोदी भी आडवाणी के दिखाए मार्ग पर ही चल रहे हैं. कई बार लोगों की इच्छा थी कि उनका मार्गदर्शन मिले, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'

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मुझे किसी काबिल नहीं समझा गया
शॉटगन कहते हैं, 'इतना बड़ा चेहरा होने के बावजूद मुझे किसी पद के काबिल नहीं समझा गया. किसी पद पर रखा नहीं गया. पूरे बिहार में मुझे कोर कमिटी में भी नहीं रखा गया. पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं मिला. सिर्फ कार्यकारिणी में हूं. जब बुलावा आता है आ जाता हूं.'

मंत्री नहीं बनने का मलाल नहीं
शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा, 'मैं पहले केन्द्रीय मंत्री भी रहा. हेल्थ मिनिस्टर रहा. मेरा प्रदर्शन भी अच्छा रहा, लेकिन इस बार मंत्री नहीं बनाया, ये पीएम का विशेषाधिकार है. अगर मंत्री बनाते तो मैं अच्छा करता. अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाता या अगर आगे बनाते हैं तो भी मैं काफी अच्छा करके दिखाऊंगा. अगर मुझे मंत्री नहीं बनाते तो भी कोई मलाल नहीं, ये उनका विशेषाधिकार है.'

लोगों को सदबुद्धि‍ मिले
बीजेपी सांसद ने कहा कि उनकी यही इच्छा है कि लोगों को सदबुद्धि मिले. वह कहते हैं, 'कई बार लोगों को हमसे घबराहट होती है. मैं आता हूं तो उनके सामने टावरिंग पर्सनैलिटी हो जाती है. मैं चाहूंगा कि जिस तरह पार्टी ने पहले मेरा इस्तेमाल किया है, आगे भी करे. मैं मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं हूं, लेकिन पार्टी जो भी आदेश देगी, मानूंगा.'

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