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प्रेस की आजादी पर बोले नरेंद्र मोदी तो मनीष तिवारी ने कहा- 'दानव' दे रहा है प्रवचन

देश में सियासी बयानबाजी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. प्रेस की आजादी के मुद्दे पर केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें दानव कह दिया.

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मनीष तिवारी
मनीष तिवारी

देश में सियासी बयानबाजी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है. प्रेस की आजादी के मुद्दे पर केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें दानव कह दिया.

दरअसल, आज नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार पर प्रेस की आजादी छीनने का आरोप लगाया. बहराइच में अपनी रैली के दौरान मोदी ने कहा कि टीवी चैनलों ने राहुल गांधी की जगह मेरे भाषण को दिखा दिया, इस वजह से मीडिया के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.

मोदी के इन आरोपों के जवाब में मनीष तिवारी ने ट्वीट कर दिया. उन्होंने लिखा कि गुजरात सरकार ने टाइम्स ऑफ इंडिया के एडीटर के खिलाफ देशद्रोह का केस चला दिया. विधानसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण पर रोक है. क्या यही है गुजरात में प्रेस की आजादी.

मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, 'टाइम्स ऑफ इंडिया के एडीटर के खिलाफ देशद्रोह का केस चला दिया. गुजरात सरकार ने विधानसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण पर रोक लगा रखी है. प्रेस की आजादी का गुजरात मॉडल. ऐसा लगता है जैसे दानव प्रवचन दे रहा हो.'

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प्रेस की आजादी पर यह था नरेंद्र मोदी का बयान
बहराइच में नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आपको जानकर हैरानी होगी कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने टीवी मीडिया वालों को एक आदेश जारी किया है कि 15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री लाल किले से भाषण दे रहे थे तो इन मीडिया वालों की क्या औकात कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री को लाइव टीवी पर कैसे दिखा दिया. पीएम के बराबर कैसे दिखा दिया. 15 अगस्त की बात और अभी हफ्ते भर पहले आदेश दिया. क्यों? क्योंकि उनको परेशानी इस बात की हुई कि 27 अक्टूबर को पटना में राजनाथ और मोदी भाषण दे रहे थे और दिल्ली में उनके शहजादे (राहुल गांधी) दे रहे थे. और मीडिया वालों ने गलती यह की कि शहजादे को दिखा तो रहे थे लेकिन सुना नहीं रहे थे. दिखते भी थे और सुनाई भी देते थे मोदी. इससे पूरी कांग्रेस पार्टी बौखला गई और ये आदेश जारी किया. भाइयों-बहनों, यह हमारा गला घोंटने का प्रयास है. लेकिन दिल्ली के शहंशाह कान खुल के सुन लो. हम टीवी पर दिखें या नहीं, पर हिंदुस्तान की अवाम के दिल में अपनी जगह बना चुके हैं.'

इस बीच, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण की तुलना किसी अन्य नेता से न करने संबंधी टीवी न्यूज चैनलों को जारी परामर्श को सही ठहराते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि कुछ खास मौकों से जुड़ी गरिमा को बनाए रखने की जरूरत है.

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आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में नरेंद्र मोदी ने भुज में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आड़े हाथ लिया था और उन्हें बेहतर प्रशासन पर सार्वजनिक बहस की चुनौती यह कहते हुए दी थी कि देश बदलाव के लिए बेताब है.

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