दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान से उम्मीद जगी है, जिसमें उन्होनें गवर्नेंस का मतलब ‘पढ़ाई-दवाई-रोजगार’ को बताया है. सिसोदिया ने एक के बाद एक ट्वीट किए और तंज कसते हुए लिखा कि मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जी दिल्ली में भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े मामलों में अड़ंगा नहीं लगाएंगे.
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में कहा है कि गवर्नेंस का मतलब ‘पढ़ाई-दवाई और रोजगार’ है.
सिसोदिया ने कसा बीजेपी पर तंज
केजरीवाल सरकार अपने कुल बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च कर रही है. इसी को आधार बनाकर मनीष सिसोदिया ने कटाक्ष करते हुए ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा कि अगर पढ़ाई-दवाई-रोजगार आपके लिए जुमला नहीं तो बीजेपी शासित राज्यों में भी बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च किया जाएगा?
अगर पढ़ाई-दवाई-रोज़गार आपके लिए जुमला नहीं तो BJP शासित राज्यों में भी बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा एजुकेशन और हेल्थ पर खर्च किया जाएगा? N/2
— Manish Sisodia (@msisodia) August 28, 2016
सिसोदिया ने बीजेपी पर उठाए सवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हर मंच से सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने और प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की कोशिशों का जिक्र करते नजर आते हैं. ऐसे में मनीष सिसोदिया ने एक सवाल ये भी दाग दिया है कि क्या बीजेपी शासित राज्यों के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाया जाएगा? प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी?
क्या भाजपा शासित राज्यों के सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर बनाया जाएगा? प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगेगी?
— Manish Sisodia (@msisodia) August 28, 2016
एक अन्य ट्वीट में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने ये भी सवाल किया है कि क्या बीजेपी शासित राज्यों में भी मोहल्ला क्लीनिक, पॉली क्लीनिक खुलेंगे. लोगों को फ्री में इलाज मिलेगा?
'दिल्ली सरकार की नकल करेगा केंद्र'
दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने 'आज तक' से कहा कि अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री ने इस बात को माना कि शिक्षा और स्वास्थ्य जरुरी है. सवा 2 साल बाद उन्हें भी समझ आ रहा है कि दिल्ली सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अच्छा काम कर रही है. हमने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाई है, वहां विजेंद्र गुप्ता विधानसभा में शोर मचा रहे हैं. मैं गारंटी से कहता हूं कि केंद्र सरकार हमें कॉपी करते हुए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाएगी. आगे मंत्री ने कहा कि आज तक उनके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जरूरी नहीं था, केंद्र ने बजट भी कम कर दिया, लेकिन उम्मीद है अगली बार बढ़ा लेंगे.