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मैंगलोर विमान हादसा: डीएनए विशेषज्ञ पहुंचे

एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे में मारे गए लोगों के शवों की पहचान में मदद करने के लिए हैदराबाद से डीएनए विशेषज्ञों की एक टीम यहां पहुंच गई है.

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एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे में मारे गए लोगों के शवों की पहचान में मदद करने के लिए हैदराबाद से डीएनए विशेषज्ञों की एक टीम यहां पहुंच गई है.

मंगलोर के पुलिस उपमहानिरीक्षक गोपाल बी होसुर ने बताया कि अब तक 115 शवों की पहचान हो चुकी है. डीएनए विशेषज्ञों की टीम बुरी तरह से झुलसे हुए शवों की पहचान में मदद करेगी. एक दशक में देश की सबसे भीषण विमान दुर्घटना में कल सुबह उस समय 158 लोग मारे गए जब दुबई से मंगलोर आ रहा बोइंग 737-800 यहां बाजपे हवाई अड्डे पर रनवे को ‘ओवरशॉट’ कर आग की लपटों में घिर गया. इस हादसे में सिर्फ आठ लोग ही जीवित बच पाए.

कल रात तक सभी शव बरामद कर लिए गए. मारे गए लोगों के रिश्तेदार वेनलॉक अस्पताल में जुटे हैं और अपने प्रियजनों की पहचान की कोशिश कर रहे हैं.

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इस बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के अधिकारी कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (जिसे आम तौर पर ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर भी कहा जाता है) को बरामद करने की कोशिश कर रहे हैं.

इस उपकरण में मौजूद ब्यौरे के विश्लेषण से दुर्घटना के कारणों के बारे में व्यापक जानकारी मिल सकती है.

सूत्रों ने बताया कि कल यहां पहुंची टीम ने बाजपे हवाई अड्डे के रनवे का निरीक्षण भी किया. एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान कल सुबह लगभग साढ़े छह बजे जब यहां बाजपे हवाई अड्डे पर उतरी तो उस समय बादल छाए हुए थे लेकिन दृश्यता साफ थी. विमान टचडाउन क्षेत्र (उतरने का बिन्दु) से आगे उतरा और टूट कर आग की लपटों से घिर गया. कुछ यात्री हालांकि इससे बाहर कूद पड़े.

विमान में 160 यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे. यह एक कंकरीट के एक ढांचे से टकराया और 200 से 300 मीटर गहरे खड्ड में जा गिरा. यात्रियों में चार नवजात शिशु और 19 अन्य बच्चे शामिल थे.

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