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मैंगलोर विमान हादसा: नहीं मिला ब्लैक बॉक्स

जांचकर्ता सोमवार को दूसरे दिन भी एयर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान के महत्वपूर्ण डाटा रिकार्डर ‘ब्लैक बॉक्स’ को खोजते रहे. इस दौरान वह रविवार को मिले काकपिट वायस रिकार्डर में दुर्घटना के अंतिम क्षणों में वायु परिवहन नियंत्रण के साथ विमान चालक द्वारा किए संपर्क की टेपों का अध्ययन कर रहे हैं.

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जांचकर्ता सोमवार को दूसरे दिन भी एयर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त विमान के महत्वपूर्ण डाटा रिकार्डर ‘ब्लैक बॉक्स’ को खोजते रहे. इस दौरान वह रविवार को मिले काकपिट वायस रिकार्डर में दुर्घटना के अंतिम क्षणों में वायु परिवहन नियंत्रण के साथ विमान चालक द्वारा किए संपर्क की टेपों का अध्ययन कर रहे हैं.

इस बीच 22 शवों की शिनाख्त अब तक नहीं हो पायी है जिसके कारण अपने प्रियजनों के शव लेने और डीएनए परीक्षण के नतीजों के लिए इंतजार कर रहे लोगों की पीड़ा बढ़ती जा रही है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना जतायी और नयी दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिवंगत आत्माओं के शोक में एक मिनट का मौन रखा.

नारंगी रंग के डिजिटल उड़ान डाटा रिकार्डर या ब्लैक बॉक्स की खोज का काम सोमवार शाम को रोक दिया गया. अब इसे ढूंढ़ने का काम मंगलवार को फिर किया जाएगा. यह विमान के पिछले हिस्से में लगा होता है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना से ठीक पहले हवाई परिवहन नियंत्रण कक्ष, बाजपे हवाई अड्डा तथा बोइंग 737-800 के पायलटों के बीच हुई बातचीत की आडियो टेप का विश्लेषण किया गया.

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जांचकर्ताओं को दुबई से आ रहे विमान के मलबे से रविवार को काकपिट वाइस रिकार्डर (सीवीआर) और डिजिटल फ्लाइट एक्विजिशन यूनिट (डीएफडीएयू) मिल गया था. शनिवार को इस विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण विमान में सवार 158 लोगों की मौत हो गयी थी. {mospagebreak}

इस दुर्घटना में आठ लोगों की जान बच गयी. डीएफडीएयू ब्लैक बॉक्स जैसा ही होता है लेकिन इसमें कुछ ही समय की जानकारी दर्ज रहती है. इन दोनों उपकरणों को जल्द ही नयी दिल्ली लाया जाएगा ताकि इनका विस्तृत विश्लेषण किया जा सके जिससे दशक भर के देश की सबसे भयंकर हवाई दुर्घटना के कारणों की जानकारी मिल सके.

सूत्रों ने बताया कि सीवीआर और डीएफडीएयू काकपिट की आवाजों और विमान के तकनीकी विवरणों को दर्ज करते हैं. इन्हें विश्लेषण के लिए नयी दिल्ली स्थित डीजीसीए मुख्यालय लाया जाएगा. इस बीच, विमान सेवा ने सुरक्षा में किसी कोताही से इनकार करते हुए कहा कि एयर इंडिया एक्सप्रेस सभी नियामक शर्तों के साथ-साथ सभी प्रकार की संचालन और रखरखाव की जरूरतों को पूरा करती है.

एयर इंडिया एक्सप्रेस को विश्वस्तरीय अंतरराष्ट्रीय कम दाम वाली विमान सेवा करार देते हुए विमान सेवा ने जारी एक बयान में कहा, ‘पायलट और इंजीनियर पूरी तरह प्रशिक्षित और योग्य थे जबकि नियामकों ने इसके कार्य से संबंधित हर पहलू की जांच के बाद इसके परिचालन के लिए अपनी मंजूरी दी थी’. डीजीसीए की हवाई सुरक्षा डिवीजन के अधिकारी जली हुई स्थिति में विमान के मलबे से मिले सीवीआर और डीएफडीएयू का विश्लेषण करेंगे. {mospagebreak}

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जहां सीवीआर रेडियो ट्रांसमिशन और पायलट की आवाजों और इंजन के शोर जैसी काकपिट की आवाजों को रिकार्ड करता है, वहीं डीएफडीएयू कम अवधि की उड़ान के दौरान सभी पैरामीटर को दर्ज करता है. सूत्रों ने बताया चूंकि दोनों आवश्यक उपकरणों को नुकसान पहुंचा है, इसलिए सीवीआर की इलेक्ट्रोनिक चिप को निकालने के प्रयास किये जाएंगे और उनमें दर्ज जानकारी हासिल करने की कोशिश की जाएगी.

सूत्रों ने कहा कि सीवीआर और डीएफडीएयू के विश्लेषण में एक पखवाड़े का समय लग जाने की संभावना है जबकि इकट्ठा किये गये सभी रिकार्ड और दस्तावेजों के विश्लेषण में कुछ सप्ताह का समय लग सकता है. इंजीनियरिंग, परिचालन, एटीसी और एयरोड्रम इकाई से जुड़े जांचकर्ताओं के चार दलों ने विमान के मलबे, रन-वे और दुर्घटनास्थल के आसपास के इलाके के निरीक्षण के लिए अनेक दौरे किये हैं.

एक आधिकारिक बयान में रविवार को कहा गया था हालांकि सीवीआर आग से जल गया है लेकिन इससे वांछित जानकारी हासिल हो जाएगी. सूत्रों ने कहा कि दलों ने विमान और चालक दल के सदस्यों से जुड़े सारे रिकार्ड जांच के लिए हासिल कर लिये हैं. इस बीच पुलिस ने मैंगलोर के विभिन्न अस्पतालों में 22 शवों को कोल्ड स्टोरेज में रखा है. पुलिस महानिरीक्षक (पश्चिमी रेंज) गोपाल बी होसुर ने कहा है कि 22 शवों और उन पर दावा करने वालों के डीएनए के नमूने ले लिये गये हैं. उन्होंने कहा कि डीएनए की मिलान रिपोर्ट तीन से पांच दिन में मिल जाएंगी.

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