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आर्थिक तौर पर पिछड़ों को ममता सरकार का तोहफा, मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को सरकारी नौकरी में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो, Aajtak)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो, Aajtak)

लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सफलता और अपने सिमटते जनाधार से चिंतित तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब प्रदेश में आर्थिक आरक्षण लागू करने की घोषणा की है. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने सरकारी नौकरियों में आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है.

पश्चिम बंगाल कैबिनेट की बैठक के बाद मंगलवार को इस फैसले का ऐलान किया गया. इस आरक्षण का लाभ उन लोगों को नहीं मिलेगा जिन्हें पहले से ही एसटी, एससी और ओबीसी कोटे के तहत लाभ मिल रहा है. ममता सरकार ने औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा की है, इस बिल पर लिखित आदेश आना अभी बाकी है. इस बिल के पीछे ममता सरकार का कहना है कि इससे सभी लोगों को एक साथ आने का अवसर मिलेगा.

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ममता का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि उन्होंने उक्त आरक्षण लागू करने के मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे. सीएम ममता ने केंद्र पर लोगों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया था. ममता ने कहा था कि सरकार देश के बेरोजगार युवाओं को ठग रही है. उन्होंने इसे चुनावी फैसला करार देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार को इस पर सफाई देनी चाहिए. केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि आर्थिक आधार पर फैसला लागू होगा या नहीं. ममता ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की संवैधानिकता पर भी सवाल उठाए थे.

बता दें कि मोदी सरकार ने गरीबों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया था. सरकार ने आनन-फानन में संबंधित बिल दोनों सदनों से पारित भी करा दिया था. गुजरात इसे लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना था. सरकार के इस फैसले को एससी-एसटी एक्ट से पनपे जनाक्रोश को शांत करने की दिशा में किए गए प्रयास के तौर पर देखा गया था.

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