देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में चल रहा विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल किया, लेकिन उनके द्वारा गठित सेलेक्शन कमेटी ने आलोक वर्मा को 24 घंटे के भीतर ही हटा दिया. इस कमेटी में शामिल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आलोक वर्मा को हटाए जाने का पुरजोर विरोध किया, जिसको लेकर उनकी आलोचना हो रही है. क्योंकि जब आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक बनाया जा रहा था, तब भी खड़गे ने इसका विरोध किया था.
आलोक वर्मा की नियुक्ति के समय क्या था खड़गे का रुख?
आलोक वर्मा 1 फरवरी, 2017 को सीबीआई निदेशक के पद पर तैनात हुए थे. वर्मा की नियुक्ति भी सेलेक्शन कमेटी के फैसले के बाद हुई थी, उस दौरान कमेटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तत्कालीन चीफ जस्टिस जे.एस. खेहर और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल थे.
तब खड़गे ने आलोक वर्मा की नियुक्ति के विरोध में कहा था कि स्टेट विजिलेंस में कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों में अनुभवहीनता को मुख्य कारण बताया था. खड़गे ने इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि आलोक वर्मा अनुभवहीन हैं और उन्हें सीबीआई निदेशक के तौर पर नियुक्त ना किया जाए.
खड़गे ने तब गृह मंत्रालय में विशेष सचिव आरके दत्ता का समर्थन किया था, उनका दावा था कि दत्ता के पास आलोक वर्मा से कई गुना ज्यादा अनुभव है.
अब आलोक वर्मा को हटाने से खफा हुआ खड़गे
गुरुवार को सेलेक्शन कमेटी में आलोक वर्मा को हटाने का फैसला 2-1 के मत से लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी सीवीसी की सिफारिश के अनुसार आलोक वर्मा को हटाने के हक में थे. जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया.
बैठक में खड़गे ने कहा कि आलोक वर्मा के कार्यकाल को करीब 77 दिन तक बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि इतने ही दिनों के लिए सरकार ने उन्हें गलत तरीके से छुट्टी पर भेजा था. कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि आलोक वर्मा को अपना पक्ष नहीं रखने दिया गया, बिना उनका पक्ष जाने उन्हें पद से हटाना गलत है.
पीयूष गोयल ने भी साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा कि मल्लिकार्जुन खड़गे चयन समिति के ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने आलोक वर्मा की नियुक्ति का भी विरोध किया था और अब उन्हें हटाए जाने का भी विरोध कर रहे हैं.