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बंगाल: महेश्ताला में TMC को मिली बड़ी जीत, दूसरे नंबर पर पहुंच गई BJP

24 परगना जिले के महेश्ताला विधानसभा क्षेत्र में टीएमसी की विधायक कस्तूरी दास के फरवरी में निधन के बाद यहां उपचुनाव कराया गया. कस्तूरी के निधन के बाद टीएमसी ने उनके पति दुलाल दास को टिकट दिया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

राज्य में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पश्चिम बंगाल के महेश्ताला विधानसभा क्षेत्र में उम्मीद से कहीं ज्यादा शानदार प्रदर्शन किया और यहां पर पार्टी ने बड़ी जीत हासिल कर ली, लेकिन यहां पर हुए उपचुनाव की सबसे खास बात यह रही कि बीजेपी ने सीपीएम को पछाड़ते हुए खुद को दूसरे नंबर पर पहुंचा दिया.

महेश्ताला में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार दुलाल दास ने 62,896 मतों के अंतर से जीत हासिल की. उपचुनाव में दुलाल ने 1,04,818 वोट हासिल किया जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाली बीजेपी को 41,993 मत मिले. कभी सीपीएम का गढ़ कहे जाने वाले महेश्ताला में पार्टी को तगड़ा झटका लगा और कांग्रेस के साथ गठबंधन के बावजूद उसे (30,316) तीसरे स्थान पर खिसकना पड़ा.

24 परगना जिले के महेश्ताला विधानसभा क्षेत्र में टीएमसी की विधायक कस्तूरी दास के फरवरी में निधन के बाद यहां उपचुनाव कराया गया. कस्तूरी के निधन के बाद टीएमसी ने उनके पति दुलाल दास को टिकट दिया जिनके खिलाफ बीजेपी ने सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक सुजीत घोष और वाम मोर्चे ने प्रभात चौधरी को मैदान में उतारा.

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पहले माना जा रहा था कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को अपनी सीट बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी लेकिन जिस तरह से जीत हासिल हुई है, उससे बीजेपी और वामदल-कांग्रेस को आगे के सफर के लिए काफी मेहनत करनी होगी.

राज्य के इस अर्द्ध शहरी विधानसभा क्षेत्र में 28 मई को अपने नए प्रतिनिधि के लिए हुए उपचुनाव में 73 फीसदी लोगों (283 बूथों पर 2.58 लाख वोटर) ने मतदान किया. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच क्षेत्र के लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

क्षेत्र में 22 फीसदी मुस्लिम वोटर होने के बावजूद बीजेपी पहले 2 स्थान पर आने में कामयाब रही. 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 7.7 फीसदी वोट मिले थे, जबकि वामदल को 42.2 फीसदी वोट मिले थे. कड़ी टक्कर में टीएमसी की कस्तूरी ने 12,452 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी.

2011 तक इस सीट पर सीपीएम का कब्जा था, लेकिन 2011 में कस्तूरी दास ने जीत हासिल करते हुए 24,283 मतों के अंतर से यह सीट टीएमसी के नाम किया. इसके बाद 2016 में भी यह सीट अपने नाम किए रखा. वहीं बीजेपी को 2011 में 3,689 वोट मिले जबकि 2016 में 14,909 वोट हासिल किए.

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