महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक का असर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में देखने को मिल सकता है. कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद लोकसभा और राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ प्रदर्शन कर सकते हैं. कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी को विपक्ष की बाकी पार्टियों का भी सहयोग मिल सकता है. दरअसल, इन तीनों पार्टियों का आरोप है कि बीजेपी ने नियम-कानून को ताक पर रखकर राज्यपाल की मदद से महाराष्ट्र में रातोंरात सरकार बना ली, जबकि उनके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है.
Leader of Congress in Lok Sabha, Adhir Ranjan Chowdhury, and Congress' Chief Whip in Lok Sabha, K Suresh have given adjournment motion notice in the House on #Maharashtra issue. (file pics) pic.twitter.com/5jyU7mWJZF
— ANI (@ANI) November 25, 2019
महाराष्ट्र सरकार को 'अवैध' बताते हुए कांग्रेस ने रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से तत्काल इस्तीफे की मांग की. विपक्षी पार्टी की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की रविवार की सुनवाई के बाद आई. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से समर्थन पत्र सौंपने को कहा, जिसका इस्तेमाल फडणवीस ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दावे के लिए किया. इन समर्थन पत्रों को सोमवार सुबह 10.30 बजे देना है. इधर संसद का शीत सत्र भी चल रहा है. इसे देखते हुए संसद में महाराष्ट्र मुद्दे पर हंगामे की काफी संभावना है. कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना एकजुट होकर बीजेपी का विरोध कर सकती हैं.
उधर महाराष्ट्र में बीजेपी से तकरार के बाद शिवसेना ने तीखे तेवर अपना लिए हैं. शिवसेना के इन्हीं तेवरों का असर अब दिल्ली की राजनीति पर भी दिखाई दे रहा है. संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के साथ ही शिवसेना अब विपक्षी खेमे की सीटों पर बैठ रही है. न सिर्फ सीटों के तहत बल्कि मुद्दों पर भी शिवसेना अब विपक्षी पार्टियों से ताल मिलाने लगी है. पिछले सोमवार को जब संसद सत्र की शुरुआत हुई तो शिवसेना ने लोकसभा से वॉकआउट कर दिया. वहीं शिवसेना, टीएमसी, आप, एनसीपी, समेत कई विपक्षी पार्टियों ने अर्थव्यवस्था के मसले पर राज्यसभा में नोटिस दिया. महाराष्ट्र मुद्दे पर भी संसद में कुछ ऐसा ही दिख सकता है.
लोकसभा में शिवसेना के 18 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में ये संख्या 3 है. शिवसेना पहले एनडीए का हिस्सा होने के बाद भी सरकार पर निशाना साधती रही है लेकिन अब जब वह विपक्ष में आई है तो इन मुद्दों पर और भी हमलावर हो सकती है.