सेरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं के अधिकार को महाराष्ट्र सरकार ने भी अपनी मंजूरी दी है. अब राज्य सरकार सरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं को 180 दिन की छुट्टी देगी. वित्त मंत्रालयय द्वारा बुधवार को इसे लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. महाराष्ट्र देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने महिलाओं के सेरोगेसी के अधिकार को लेकर नियम बनाए हैं.
नए नियम के मुताबिक महिला कर्मचारी को इसके लिए अग्रीमेंट के अलावा स्त्री रोग विशेषज्ञ-मेडिकल ऑफिसर का अनुमति पत्र देना होगा. सेरोगेसी इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइंस के मुताबिक ही होगी. छुट्टी बच्चे के जन्म के दिन से 180 दिनों तक के लिए होगी.
छुट्टी तो मिलेगी पर शर्ते लागू
इसके तहत एक महिला को केवल एक बार ही यह छुट्टी मिल सकती है. इस नियम का फायदा उन्हीं
महिलाओं को मिलेगा जिन्होंने पहले बच्चा गोद नहीं लिया या जिनका पहले से बच्चा नहीं है. इससे
पहले राज्य सरकार के कानून के अंतगर्त सरोगेसी से मां बनने वाली महिला सरकारी कमर्चारियों के
लिए कोई प्रावधान नहीं था.
बच्चा गोद लेने वाली महिलाओं को मिलती है 90 दिन की छुट्टी
अबतक सरकारी नियमों के मुताबिक प्रेगनेंट महिला को 180 दिनों की छुट्टी मिलती रही है. 26
अक्टूबर 1999 में सरकार ने इस नियम में एक बदलाव किया था. इसके मुताबिक बच्चा गोद लेने
वाली महिला को भी 90 दिनों तक की छुट्टी का प्रावधान किया गया था.
राज्य सरकार की मुहर के बाद प्राइवेट इंडस्ट्री भी करेंगी फॉलो
विधानसभा की बहसों के दौरान यह मुद्दा उठाया गया कि सरोगेसी से मां बनने वाली महिलाओं के लिए
भी छुट्टी का प्रावधान किया जाए. महिला व बाल कल्याण विभाग की मुखिया रह चुकीं चंद्रा अयंगर ने
इसे अच्छा कदम बताते हुए कहा, 'इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी. पहले 6 महीने माता-पिता के
लिए काफी अहम होते हैं. खासकर मां के लिए ताकि बच्चे के साथ बॉन्डिंग हो सके.' एक दूसरे
सीनियर अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रावधान बनाने के बाद दूसरी प्राइवेट इंडस्ट्री भी
इसे फॉलो करेंगी.