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स्टालिन बोले- फारूक अब्दुल्ला की हिरासत लोकतंत्र के लिए शर्मनाक

एमके स्टालिन ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि यह हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए शर्मनाक और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपमानजनक है. अब्दुल्ला पर 17 सितंबर को पीएसए लगाया गया था, जिसके बाद से वे श्रीनगर में हिरासत में हैं.

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डीएमके चीफ एमके स्टालिन (ANI)
डीएमके चीफ एमके स्टालिन (ANI)

  • अब्दुल्ला पर 17 सितंबर को पीएसए लगाया गया
  • अब इसे बढ़ाकर 14 मार्च, 2020 कर दिया गया है

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ लगाए गए जन सुरक्षा कानून (Public Safety Act) को तीन और महीने यानी 14 मार्च, 2020 तक बढ़ा दिया गया है. डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने इसका विरोध किया है. एमके स्टालिन ने रविवार को ट्वीट कर कहा यह हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए शर्मनाक और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपमानजनक है. अब्दुल्ला पर 17 सितंबर को पीएसए लगाया गया था, जिसके बाद से वे श्रीनगर में हिरासत में हैं.

अब्दुल्ला पर 17 सितंबर को पीएसए लगाया गया था, जो श्रीनगर में लगातार अपने गुपकर आवास में हिरासत में हैं, जिसे उप-जेल घोषित कर दिया गया है. पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से राज्य तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में लिया गया था, जो अब भी हिरासत में हैं.

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महबूबा मुफ्ती को चश्मे शाही स्थित एक सरकारी भवन से श्रीनगर के एमए रोड पर नए स्थान पर भेजा गया है. उमर अब्दुल्ला हरि निवास में हिरासत में हैं. इसके अलावा, मुख्यधारा के 35 विधायकों को पहले डल झील के किनारे कंटूर होटल में हिरासत में रखा गया था, इन्हें अब विधायकों के होस्टल में रखा गया है.

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