एमसीडी चुनावों में तीन महीने का भी वक्त नहीं बचा और डीलिमिटेशन की फाइल दिल्ली सरकार के दफ्तरों से बाहर नहीं निकल रही है. इस बात ने दिल्ली के बीजेपी नेताओं को बेचैन कर दिया है, वजह ये है कि डीलिमिटेशन के बाद नगर निगम वार्डों की नई तस्वीर साफ होगी और नए समीकरण बने हैं या बिगड़े हैं इसका पता चलेगा. लेकिन शहरी विकास विभाग से डीलिमिटेशन की फाइल बाहर नहीं आ रही है जबकि दिल्ली चुनाव आयोग डीलिमिटेशन पर अपनी रिपोर्ट सरकार को भेज चुका है.
अब यही शिकायत लेकर बीजेपी के विधायक और विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की अगुआई में नए एलजी अनिल बैजल के दरबार में गुहार लगाने पहुंचे. बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार जानबूझकर डीलिमिटेशन की फाइल को आगे नहीं बढ़ने दे रही है, ताकि वार्डों की नई तस्वीर वक्त रहते सामने न आ पाए जबकि सरकार ने अपनी पार्टी के पास डीलिमिटेशन की जानकारी लीक कर दी है.
दिल्ली में तीनों एमसीडी के चुनाव अप्रैल महीने में हो सकते हैं और चुनावों में वार्डों की नई सीमा और आरक्षण की व्यवस्था डीलिमिटेशन के आधार पर तय होगी. ऐसे में विजेंद्र गुप्ता ने एलजी बैजल से मांग की है कि वो जल्द ही इस मामले में दखल दें और डीलिमिटेशन की प्रक्रिया को पूरा करवाएं.
हालांकि आम आदमी पार्टी ने कहना है कि दिल्ली सरकार नियमों के मुताबिक डीलिमिटेशन की कार्रवाई कर रही है और उसका दिल्ली चुनाव आयोग से संवाद नहीं हुआ है. लेकिन बीजेपी को इसमें घालमेल नज़र आ रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह ने कहा है कि जल्दी ही डीलिमिटेशन की रिपोर्ट को सावर्जनिक किया जाए ताकि दूसरी पार्टियां भी एमसीडी चुनाव की तैयारियां कर सकें. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आने से असमंजस खत्म हो जाएगा लेकिन दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी के फायदे को ध्यान में रखकर जानबूझकर इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं होने देना चाहती ताकि एमसीडी चुनावों में इसका फायदा लिया जा सके.