scorecardresearch
 

LoC: -20 डिग्री के तापमान पर जवान कर रहे हैं देश की रक्षा

लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) में देश की रक्षा के लिए जवान -20 डिग्री सेलशियस में भी डटे हुए हैं. ये जवान दुश्‍मनों से तो लड़ते ही हैं साथ ही खुद को बचाने इस कड़ाके की ठंड से भी लड़ते हैं.

Advertisement
X
LoC: -20 डिग्री तापमान में देश की रक्षा करते जवान
LoC: -20 डिग्री तापमान में देश की रक्षा करते जवान

लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) में देश की रक्षा के लिए जवान -20 डिग्री सेलशियस में भी डटे हुए हैं. ये जवान दुश्‍मनों से तो लड़ते ही हैं साथ ही खुद को बचाने इस कड़ाके की ठंड से भी लड़ते हैं.

एलओसी के कुपवाड़ा के टंगधर में एक जवान यशपाल की डियूटी लगी है. इनकी तैनाती बर्फ पोस्‍ट पर है, ये बताते हैं कि इनकी सुबह स्‍नो को पिघलाकर पानी बनाने से होती है. ये स्‍नो को केरोसीन के हीटर में पिघलाते हैं. यशपाल और इनके साथियों के पोस्‍ट पर केरोसीन हीटर है, जो कि किसी तरह से बर्फ से ढंके बंकर को थोड़ा गर्म रखते हैं. इन सब के साथ ही सभी जवान एलओसी की दूसरी तरफ दुश्‍मनों पर पूरी नजर भी बनाए रखते हैं.

इस तरह से इन जवानों को पूरे समय सावधान रहना पड़ता है. रक्षा मंत्रालय द्वारा सेना के लिए जम्मू एवं कश्मीर में मिट्टी के तेल की आपूर्ति में कटौती के बारे में पूछने पर यशपाल ने कहा कि उन्‍हें इसके बारे में पता नहीं है, लेकिन पोस्‍ट पर उन्‍होंने पूरी सर्दियों के लिए केरोसीन का स्‍टॉक जमा कर लिया है.

Advertisement

अधिकांश एलओसी में 5 से 20 फीट स्‍नो जमी है. यहां गर्मियों में ही राशन भर दिया जाता है. जवान महीनों नीचे बेस स्‍टेशन में भी नहीं आ पाते हैं. इसके अलावा यहां हमेशा हिमस्‍ख्‍ालन का खतरा भी बना रहता है. हर साल एलओसी में कई जवान इस हिमस्‍ख्‍ालन में मारे जाते हैं. आंकड़े बताते हैं कि पिछले दस सालों में दुश्‍मनों की गोली से इतने जवान नहीं मरे, जितना की हिमस्‍ख्‍ालन से मरे हैं.

यूं तो जवानों के लिए इन सब से निपटने के पर्याप्‍त इंतजाम है, लेकिन फिर भी प्राकृतिक आपदा इन जवानों के लिए एक बड़ी चुनौती है. सभी हिमस्‍खलन की आशंका वाले क्षेत्रों में बचाव टीम भी तैनात है.

Advertisement
Advertisement