कॉमनवेल्थ गेम्स अभी ख़त्म भी नहीं हुए कि कामयाबी का सेहरा अपने सिर बांधने के लिए सिरफुटौवल शुरू हो गई है. खेलमंत्रालय से लेकर दिल्ली सरकार, डीडीए, और ऑर्गेनाइज़िंग कमिटी सब अपने-अपने कामों का ढिंढोरा पीटने में जुट गए हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि दिल्ली के उप राज्यपाल तेजेंदर खन्ना और सीएम शीला दीक्षित में इसी बात को लेकर ठन गई है.
शीला और खन्ना में खींचतान शुरू हुई है खेलगांव को लेकर. उप राज्यपाल तेजेंदर खन्ना ने प्रधानमंत्री को एक खत लिखा है. इस ख़त में उन्होंने कहा है कि खेलगांव को कई एजेंसियों ने मिलकर बेहतर बनाया है, सिर्फ दिल्ली सरकार ने नहीं. लिहाज़ा अगर दिल्ली सरकार अकेले खेलगांव का क्रेडिट लेने की कोशिश कर रही है तो ये ग़लत है.
दरअसल गेम्स शुरू होने से पहले खेलगांव को ही लेकर सबसे ज़्यादा हो हल्ला मचा था. ढीली-ढाली तैयारियां बदइंत़ज़ामी और साफ़-सफाई को लेकर खेलगांव में कई गड़बड़ियां थीं. जब चंद दिन बाकी रह गए तब ख़ुद प्रधानमंत्री ने दख़ल दिया और खेलगांव को चाक-चौबंद करवाने का ज़िम्मा दिल्ली सरकार को सौंप दिया. साथ ही कैबिनेट सचिव चंद्रशेखर को भी काम-काज की देखरेख करने की ज़िम्मेदारी दी.
जैसे-तैसे खेलगांव खिलाड़ियों के रहने लायक हुआ और सबसे बड़ी बात कि खेल कामयाबी के साथ हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री शीला दीक्षित कहती फिर रही हैं कि खेलगांव की सूरत तब बदली जब उन्होंने ज़िम्मेदारी संभाली. यही बात उपराज्यपाल को चुभ गई और उन्होंने पीएम को चिठ्ठी लिख मारी.
मुख्यमंत्री शीला दीक्षित खेलों की कामयाबी का ज़िक्र करते हुए फूली नहीं समाती. आजतक से हुई ख़ास बातचीत में शीला ने किसी एजेंसी का नाम तो नहीं लिया लेकिन कॉमनवेल्थ गेम्स की कामयाबियों का बख़ान खुलकर किया.