देश के छह वामपंथी दल केंद्र की मोदी सरकार की 'अमेरिकापरस्त नीतियों' और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के खिलाफ 24 जनवरी को विरोध प्रदर्शन करेंगे. वामदलों का कहना है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार अमेरिकी राष्ट्र प्रमुख को न्योता दिया जाना इस बात का संकेत है कि नरेंद्र मोदी सरकार उस अमेरिका के दांव में फंसती जा रही है, जिसने मोदी को कभी वीजा देने तक से इनकार कर दिया था.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भाकपा (माले), फारवर्ड ब्लॉक, एसयूसीआई (सी) और आरएसपी ने अमेरिका पर भारत के खिलाफ पाकिस्तानी आतंकवाद को अप्रत्यक्ष समर्थन देने का आरोप लगाते हुए 24 जनवरी को पूरे देश में सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है.
भाकपा के राज्य सचिव डॉ. गिरीश ने बताया कि भाकपा की जिला इकाइयों को निर्देश जारी कर दिया गया है कि वे 24 जनवरी को सभी वाम दलों को साथ लेकर अपने जनपदों में धरने, प्रदर्शन, सभाएं व नुक्कड़ सभाएं आयोजित कर अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के खिलाफ व्यापक रूप से प्रतिरोध दर्ज कराएं.
डॉ. गिरीश ने कहा, 'हमें जनता के सामने यह खुलासा करनी है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली भारत सरकार अमेरिकापरस्त विदेश नीति पर चल रही है और भारत की परंपरागत आत्मनिर्भर गुटनिरपेक्ष नीति को हानि पहुंचा रही है. यह सरकार देश और विदेश के कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में है और आम जनता के हितों के विपरीत सोच रखती है.'
उन्होंने कहा कि इससे बड़ा मजाक क्या होगा कि जो दिन (गणतंत्र दिवस) भारत की स्वतंत्रता व संप्रभुता का सबसे बड़ा प्रतीक दिवस है, उसी दिन एक ऐसे देश के राष्ट्राध्यक्ष को खास मेहमान बनाया गया है, जो दुनिया में तमाम देशों की संप्रभुताओं का हनन करता रहा है और आतंकवाद को बढ़ावा देने सहित हर मौके पर भारतीय हितों के विरुद्ध खड़ा हुआ है.
---इनपुट IANS से