राजधानी दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट के परिसर में जिस तरह पुलिस और वकीलों के बीच भिड़ंत हुई वो पूरे देश ने देखी. दिल्ली के बाद देश के अन्य हिस्सों में भी कुछ ऐसी ही घटनाएं देखने को मिली, जो हर किसी को हैरत में डाल रही है. वकीलों के द्वारा पुलिसवालों को पीटे जाने की घटनाएं होने से अब देश के कई IPS ने आवाज़ उठाई है और अपना पक्ष दुनिया के सामने रखा है.
किस IPS ने क्या लिखा?
IPS असलम खान ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए ‘हम पुलिसवालों के साथ हैं’ हैशटेग को ट्वीट किया. जो ट्वीट रिट्वीट किया गया उसमें लिखा गया कि हमारे भी ह्यूमन राइट्स हैं, हमें भी सुनना चाहिए. जबतक आरोप साबित ना हो तबतब बेगुनाह का नियम हर किसी पर लागू होना चाहिए.
IPS सागर प्रीत हुड्डा ने भी अपने ट्विटर पर इस मसले को उठाया. उन्होंने लिखा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, अगर कोई गुंडागर्दी करता है तो उसे भी सजा मिलनी चाहिए फिर चाहे वो वकील ही क्यों ना हो. तीस हजारी में हुई घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है. वक्त आ गया है कि वकील कानून को पढ़ें.#westandbydelhipolice https://t.co/PYmtSVabHH
— Aslam Khan (@aslam_IPS) November 4, 2019
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले IPS अरुणाचल प्रदेश के DIGP मधुर वर्मा ने साकेत के बाहर की घटना का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि हमें माफ करें, हम पुलिस हैं, हमारा कोई परिवार नहीं है, हमारे लिए कोई मानवाधिकार नहीं हैं.No one is above the law...Hoolingans must be punished even if they are masquerading as lawyers. Tis Hazari incident has shaken the collective consciousness of whole society. Time has come lawyers read the law! @IPS_Association @CPDelhi @abhikr31873 @kpsingh20#tishazariclash
— Dr. Sagar Preet Hooda (@SagarHoodaIPS) November 4, 2019
कर्नाटक की IPS डी. रूपा ने इस मसले पर लिखा कि ये सिस्टम का मजाक है. मैं बस इतना अपील करना चाहती हूं कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले.I am sorry.. we are police ... we don’t exist.. we don’t have families...we don’t have human rights !!! https://t.co/ZqR7dEUFgy
— Madhur Verma (@IPSMadhurVerma) November 4, 2019
आपको बता दें कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस की भिड़ंत के बाद साकेत कोर्ट और कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर भी वकीलों ने पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीजी की थी. सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी वकीलों ने पुलिसकर्मी को काफी पीटा था.Mockery of the system. I only wish people at helm of affairs take strictest action. Else morale of the force suffers n will embolden hooligans to take law into their hands. https://t.co/Dz5Jnpuclw
— D Roopa IPS (@D_Roopa_IPS) November 4, 2019