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वकीलों के खिलाफ एकजुट हुए IPS, लिखा- वक्त आ गया कि वकील कानून पढ़ें

वकीलों के द्वारा पुलिसवालों को पीटे जाने की घटनाएं होने से अब देश के कई IPS ने आवाज़ उठाई है और अपना पक्ष दुनिया के सामने रखा है.

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देश के कई हिस्सों में आमने-सामने वकील-पुलिस
देश के कई हिस्सों में आमने-सामने वकील-पुलिस

  • देशभर में वकील और पुलिस आए आमने-सामने
  • तीस हजारी के बाद साकेत-कड़कड़डूमा कोर्ट में भिड़े
  • कई IPS ने ट्विटर पर की एक्शन की मांग

राजधानी दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट के परिसर में जिस तरह पुलिस और वकीलों के बीच भिड़ंत हुई वो पूरे देश ने देखी. दिल्ली के बाद देश के अन्य हिस्सों में भी कुछ ऐसी ही घटनाएं देखने को मिली, जो हर किसी को हैरत में डाल रही है. वकीलों के द्वारा पुलिसवालों को पीटे जाने की घटनाएं होने से अब देश के कई IPS ने आवाज़ उठाई है और अपना पक्ष दुनिया के सामने रखा है.

किस IPS ने क्या लिखा?

IPS असलम खान ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए ‘हम पुलिसवालों के साथ हैं’ हैशटेग को ट्वीट किया. जो ट्वीट रिट्वीट किया गया उसमें लिखा गया कि हमारे भी ह्यूमन राइट्स हैं, हमें भी सुनना चाहिए. जबतक आरोप साबित ना हो तबतब बेगुनाह का नियम हर किसी पर लागू होना चाहिए.

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IPS सागर प्रीत हुड्डा ने भी अपने ट्विटर पर इस मसले को उठाया. उन्होंने लिखा कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, अगर कोई गुंडागर्दी करता है तो उसे भी सजा मिलनी चाहिए फिर चाहे वो वकील ही क्यों ना हो. तीस हजारी में हुई घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है. वक्त आ गया है कि वकील कानून को पढ़ें. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले IPS अरुणाचल प्रदेश के DIGP मधुर वर्मा ने साकेत के बाहर की घटना का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि हमें माफ करें, हम पुलिस हैं, हमारा कोई परिवार नहीं है, हमारे लिए कोई मानवाधिकार नहीं हैं. कर्नाटक की IPS डी. रूपा ने इस मसले पर लिखा कि ये सिस्टम का मजाक है. मैं बस इतना अपील करना चाहती हूं कि आरोपियों को कड़ी सजा मिले. आपको बता दें कि दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस की भिड़ंत के बाद साकेत कोर्ट और कड़कड़डूमा कोर्ट के बाहर भी वकीलों ने पुलिसकर्मियों के साथ बदतमीजी की थी. सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी वकीलों ने पुलिसकर्मी को काफी पीटा था.

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