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लश्कर-ए-तैयबा ने रची है एक घातक साज़िश

लश्कर-ए-तैयबा ने रची है एक घातक साज़िश. खुफिया एजेंसियों की मानें तो अंडमान और निकोबार द्वीप पर लश्कर आतंक के ट्रेनिंग कैंप खोलने की तैयारी में है. अगर सीधा सीधा समझा जाए तो लश्कर हिंदुस्तान की सरहदों में घुसने की पूरी तैयार कर चुका है.

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लश्कर-ए-तैयबा ने रची है एक घातक साज़िश. खुफिया एजेंसियों की मानें तो अंडमान और निकोबार द्वीप पर लश्कर आतंक के ट्रेनिंग कैंप खोलने की तैयारी में है. अगर सीधा सीधा समझा जाए तो लश्कर हिंदुस्तान की सरहदों में घुसने की पूरी तैयार कर चुका है. गृह मंत्रालय भी लश्कर के इस नापाक मंसूबे को हल्के में नहीं लेना चाहता. गृह मंत्रालय ने अंडमान निकोबार में अलर्ट जारी कर दिया है.

दहशतगर्दी की दुनिया में आतंक का दूसरा नाम है लश्कर-ए-तैयबा. लश्कर के आतंकी किसी भी ख़ौफनाक आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. हिंदुस्तान में अभी तक जितने आतंकी हमले हुए हैं, ज़्यादातर हमलो से लश्कर का ही नाम जुड़ा है. और अब लश्कर एक और घातक साज़िश को अंजाम देने की तैयारी में लगा हुआ है. लश्कर-ए-तैयबा के सरगना भारत को दहशत की नज़रों से घूर रहे हैं.

ख़बर है कि आतंकी संगठन लश्कर अंडमान और निकोबार द्वीप पर अपना गढ़ बनाने की सोच रहा है. कहा जा रहा है कि लश्कर अंडमान और निकोबार को आतंक की ज़मीन के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है. खुफिया सूत्रों की मानें तो भारत की हद में आने वाले इस बेहद खूबसूत द्वीप को आतंकी अपने कब्ज़े में लेना चाहते हैं. इतना ही नहीं लश्कर की बुरी नज़र मालदीव पर भी है. आतंकियों के नापाक मंसूबों की ख़बर गृहमंत्रालय को भी लग चुकी है. गृह मंत्रालय ने वहां के प्रशासन को अलर्ट का रहने का निर्देश जारी कर दिया है.

गृह मंत्रालय ने प्रशासन को ये सख्त हिदायत दी है कि वो अंडमान और निकाबार के हर नागरिक का पहचान पत्र जारी करे. साथ ही गृह मंत्रालय की तरफ से इस की मियाद भी रख दी गई है. ज़ाहिर है ख़तरा बहुत बड़ा है और सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सरकार तक इसे हल्के में नहीं लेना चाहती है. क्योंकि लश्कर की रग रग से दुनिया वाकिफ है. उसके आतंक की दास्तां इतनी ख़ौफनाक है कि उसमें तबाही के अलावा किसी और का ज़िक्र नहीं आता है. मुंबई हमले के बाद सुनने में आया था कि पाकिस्तान ने मुज़फ्फराबाद में लश्कर के ट्रेनिंग कैंपों पर कार्रवाई की थी.

खुफिया एजेंसियो की रिपोर्ट ये भी थी आईएसआई ने बांग्लादेश में लश्कर कैंप लगवा दिए हैं और वहीं पर चल रही है आतंक की ट्रेनिंग. लेकिन इन खबरों के बाद सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ गई है कि लश्कर की नज़र अंडमान, निकोबार और मालदीव पर भी है. आतंकवादी संगठन नए अड्डे की तलाश में हैं, एक ऐसा अड्डा जो सुरक्षित भी हो और लोगों की नजरों से दूर भी. अंडमान निकोबार इसीलिए उनके निशाने पर है. अंडमान में आतंक के अड्डे बनाने के फायदे और भी हैं.

अडंमान औऱ निकोबार द्वीप समुह में छोटे बड़े कुल 572 द्वीप हैं जिनमें से सिर्फ 38 द्वीप ही ऐसे हैं जिस पर लोग रहते हैं. बाकी के 534 द्वीप एकदम निर्जन हैं औऱ इनमें से कई द्वीपों की बीच की दूरी भी बहुत ज्यादा है औऱ दहशतगर्दों के लिए इससे मुफीद औऱ क्या हो सकता है. जाहिर है अगर आतंकवादी किसी तरीके से अंडमान निकोबार के इन निर्जन द्वीपों पर घुसपैठ करने में कामयाब हो जाते हैं तो फिर वहां उनके लिए अपने आतंक के अड्डे तैयार करना आसान होगा.

अंडमान औऱ निकोबार द्वीप समुह के ज्यादातर द्वीप बेहद घने जंगलों से घिरे हैं और आतंकवादियों के लिए यहां छिप कर रहना मुश्किल नहीं होगा. मुंबई हमले के लिए जिस तरह लश्कर ने समुद्री रास्ते का इस्तेमाल किया उससे इतना तो साबित हो गया है कि आतंकवादी संगठनों के लिए अब समंदर ऐसी जगह नहीं रही जो उनकी पहुंच से बाहर है. छिपकर समुद्री रास्तों का इस्तेमाल करना भी वो बखूबी सीख गए हैं और अंडमान निकोबार के निर्जन द्वीपों में घुसपैठ करना उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं है.

फिर पाकिस्तान औऱ आफगानिस्तान में मौजूद ज्यादातर आतंकी ट्रेनिंग कैंप अमेरिका की नजर में आ चुके हैं औऱ दहशतगर्द संगठनों पर नया ठिकाना तलाशने का दबाव बढ़ता जा रहा है. जाहिर है आतंकवादी ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां वो सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों की नजर से ही नहीं बच कर रह सकें बल्कि किसी को उनके वहां होने का शक भी नहीं हो. अंडमान निकोबार द्वीप समुह उनकी इस नापाक साजिश में बिल्कुल फिट बैठता है. इतना ही नहीं अंडमान निकोबार के द्वीप भारत की सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद अहम हैं और आतंकियों की साजिश इन द्वीपों पर मौजूद रक्षा के महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाने की भी हो सकती है. जाहिर है आतंकवादियों की बदलती रणनीति को नाकाम करने के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को काफी चौकस रहने की जरूरत है.

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