भारतीय जनता पार्टी के 'पितामह' कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे दे दिया है.
आडवाणी नरेंद्र मोदी को बीजेपी का चुनावी कमान सौंपे जाने से नाराज बताए जा रहे हैं. आडवाणी ने पार्टी के संसदीय बोर्ड, चुनाव समिति और वर्किंग कमिटी से इस्तीफा दिया है. हालांकि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्य बने हुए हैं.
लाल कृष्ण आडवाणी ने अपनी चिट्ठी में क्या लिखा, यहां पढ़ें....
प्रिय राजनाथ सिंह जी
मैंने पूरे जीवन पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी की पूरे गर्व के साथ सेवा की है. इस राजनैतिक काम में मुझे पूरी संतुष्टि भी रही है. मगर पिछले कुछ समय से पार्टी जिस ढंग से चलाई जा रही है और यह जिस दिशा में जा रही है, उससे मैं सहज नहीं हो पा रहा हूं.
मुझे नहीं लगता कि यह वही आदर्शवादी पार्टी है, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे लोगों ने बनाया. जिनकी एकमात्र चिंता ये देश और इसके लोग रहे हैं. आज की तारीख में हमारे ज्यादातर नेता अपने निजी एजेंडा को आगे बढ़ा रहे हैं.
इसलिए मैंने पार्टी में मुझे मिले तीनों पदों, राष्ट्रीय कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से इस्तीफा देने का फैसला किया है. इस पत्र को मेरा त्यागपत्र समझा जाए.
लाल कृष्ण आडवाणी
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