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आडवाणी बोले, फिर लौट सकता है गठबंधन की राजनीति का युग

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस बात से इनकार नहीं किया कि भारत में गठबंधन राजनीति का युग लौट सकता है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे ‘विविविधता भरे’ देश में यह संभव है.

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लाल कृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो)
लाल कृष्ण आडवाणी (फाइल फोटो)

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस बात से इनकार नहीं किया कि भारत में गठबंधन राजनीति का युग लौट सकता है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे ‘विविधता भरे’ देश में यह संभव है.

लालकृष्ण आडवाणी को मिला नया साथी

आडवाणी ने ऐसे समय में गठबंधन राजनीति की वापसी की संभावना को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं जब नरेंद्र मोदी केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार चला रहे हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में गठबंधन राजनीति या गठबंधन सरकार का युग खत्म हो गया, इस पर आडवाणी ने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा. मेरा अब भी यह मानना है कि भारत जैसे विविधता भरे देश में फिर से गठबंधन सरकार आ सकती है.’ आडवाणी ने कहा कि भारत जैसे देश में हर किसी को सभी संभावनाओं के लिए तैयार रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘अब एक पार्टी वाली उस तरह की सरकार होना बहुत सामान्य नहीं है जैसा आजादी के बाद के शुरुआती सालों में हुआ या जैसी वाजपेयी की अपनी सरकार थी. कुछ समय के लिए गठबंधन बिल्कुल नहीं के बराबर था. कुछ भी हो सकता है. भारत जैसे देश में आपको हर संभावना के लिए तैयार रहना चाहिए.’

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अन्य मुद्दों पर आडवाणी ने कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे देशभक्त को ‘भारत रत्न’ दिया जाता है तो वह सर्वथा उचित होगा.

ऐसी अटकलें हैं कि 25 दिसंबर को वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की घोषणा हो सकती है. आडवाणी उन शुरुआती लोगों में से हैं जिन्होंने वाजपेयी को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की वकालत की थी. आडवाणी ने यह भी कहा कि वह इस बात पर यकीन नहीं कर सकते कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उन संवैधानिक प्रावधानों के बारे में पता नहीं था जिससे आपातकाल की घोषणा की जाती है. साल 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई थी.

बीजेपी नेता ने कहा, ‘मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता.’ उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इंदिरा गांधी के शासनकाल में लागू किया गया आपातकाल इंदिराजी के करियर में एक दाग रहा है.’ आडवाणी विपक्ष के उन शीर्ष नेताओं में रहे हैं जिन्हें आपातकाल के दौरान जेल भेज दिया गया था.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हाल ही में जारी अपनी पुस्तक ‘दि ड्रमैटिक डीकेड: दि इंदिरा गांधी ईयर्स’ में कहा है कि इंदिरा को उन संवैधानिक प्रावधानों के बारे में पता नहीं था जिससे आपातकाल की घोषणा होती है. मुखर्जी ने किताब में यह दावा भी किया है कि सिद्धार्थ शंकर रे ने इंदिरा को आपातकाल लागू करने की सलाह दी थी.

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इनपुट-भाषा

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