पिछले महीने काबुल में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा अगवा कर ली गईं भारतीय सहायता कर्मी जुडिथ डिसूजा मुक्त कराए जाने के बाद आज अपने घर लौट आईं. काबुल से लौटने के तुरंत बाद जुडिथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की. पीएम मोदी ने जुडिथ का भारत में स्वागत किया और उन्हें मुक्त कराने में सहयोग के लिए अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी का शुक्रिया अदा किया.
Delhi: Kolkata's Judith D' Souza (who was rescued from Kabul) meets PM Modi at 7 RCR pic.twitter.com/ollSimacXj
— ANI (@ANI_news) July 23, 2016
मुताबिक जूडिथ कोलकाता जाएंगी. स्वराज ने जूडिथ की सुरक्षित रिहाई के लिए अफगानिस्तान में अपने एंबेसडर मनप्रीत वोहरा को बधाई दी. इसके साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान प्रशासन को इस मुहिम में मदद करने के लिए शुक्रिया भी कहा.
Thank you Afghanistan - for all your help and support in rescuing #Judith.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 23, 2016
Ambassador @VohraManpreet - you have done an outstanding job.#Judith
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 23, 2016
Judith D'Souza is with us - safe and in good spirits. She will reach her Motherland at the earliest. Vande Mataram. https://t.co/VAfBWpBAeN
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 23, 2016
जूडिथ के भाई जेरोम ने शुक्रवार को ही राजधानी दिल्ली में स्वराज से मुलाकात कर अपनी बहन की सुरक्षित रिहाई के लिए मदद मांगी थी.
I am happy to inform you that Judith D'souza has been rescued. @jeromedsouza
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 23, 2016
विदेश मंत्री से मिला था जुडिथ का भाई
जेरोम ने बताया था कि उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निवास पर पर जाकर मुलाकात की. स्वराज ने उन्हें भरोसा
दिलाया था कि जूडिथ को वापस लाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. उनके भरोसे से उम्मीद जगी कि मेरी बहन जल्द घर
वापस आ जाएगी.
जूडिथ के परिजनों ने पीएम मोदी से की थी अपील
जूडिथ के परिजनों ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उसकी सुरक्षित रिहाई के लिए अपील की थी. संदिग्ध
आतंकवादियों ने 40 साल की जूडिथ को नौ जून को काबुल में उनके दफ्तर के बाहर से अगवा कर लिया था.
Judith was abducted in Kabul on 9th June 2016.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 23, 2016
आगा खां फाउंडेशन में काम करती थीं जूडिथ
जूडिथ वहां आगा खां फाउंडेशन के लिए वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार के रूप में काम कर रही थी. जब उन्हें अगवा किया गया
था, उसी हफ्ते वह अपने घर कोलकाता लौटने वाली थीं.