जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में हाई लेवल इन्क्वायरी कमेटी की जांच में सामने आया है कि आठ फरवरी को उमर खालिद ने ही बुकिंग के लिए फॉर्म
भरा था. अंडरटेकिंग पर उमर और अनिर्बान समेत चार छात्रों के दस्तखत हैं. रिपोर्ट से पता चला है कि नकाबपोशों के साथ मुजीब गट्टू नाम के छात्र ने भी कैंपस में नारेबाजी की थी.
कार्यक्रम करने की इजाजत लेने के लिए फॉर्म में लिखा था कि यह कविता पाठन का एक कार्यक्रम है जिसका शीर्षक है 'ए कंट्री विदआउट पोस्ट ऑफिस'. इस कार्यक्रम को साबरमती ढाबे पर 9 फरवरी को 5-7.30 बजे आयोजित किए जाने की मांग की गई थी. खालिद ये फॉर्म डीन ऑफ स्टूडेंट्स के पास लेकर गया उनकी गैरमौजूदगी में एडिशनल डीन ने इस पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद फॉर्म को मंजूरी के लिए रेक्टर ऑफिस भेजा जाना था जो कभी वहां गया ही नहीं.
एबीवीपी सदस्य ने दी थी राष्ट्र-विरोधी कार्यक्रम की जानकारी
जेएनयूएसयू के जोइंट सेक्रेटरी सौरभ शर्मा के खुलासे के मुताबिक उन्होंने वाइस चांसलर, प्रोक्टर, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर और रजिस्टरार को पत्र लिखर सूचित किया था कि कुछ छात्र साबरमती ढाबे पर 'राष्ट्र-विरोधी कार्यक्रम' करने की योजना बना रहे हैं. सौरभ ने पत्र के साथ कार्यक्रम का पोस्टर भी संल्गन करके भेजा था. उसने ही पुलिस और मीडिया को इस कार्यक्रम की जानकारी दी थी.
वाइस चांसलर ने दिया था कार्यक्रम न होने देने का निर्देश
वीसी ऑफिस में मीटिंग बुलाई गई. जिसमें रजिस्टरार, प्रोक्टर, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर और डीन ऑफ स्टूडेंट्स शामिल हुए. इसमें कार्यक्रम की अनुमति को वापस लेने का फैसला लिया गया. डीन ऑफ स्टूडेंट्स ने चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर को निर्देश दिए था कि ये मीटिंग आयोजित न होने दी जा ए. जिसके मद्देनजर ओपी यादव और पलनी के नेतृत्व में एक सिक्योरिटी टीम 4.45 बजे साबरमती ढाबे पर पहुंच गई. खालिद ने उनके सामने मीटिंग रोकने से इनकार करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम की इजाजत उनके पास है.
जेएनयू छात्र मुजीब गट्टू ने बाहरी लोगों के साथ लगाए नारे
धीरे धीरे छात्र वहां जुटने शुरू हुए और नारे लगाए जाने लगे. कश्मीर तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं, मणिपुर मांग आजादी, कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी, हिंदुस्तान की बरबादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी, गो बैक इंडिया, एक अफजल मारोगे हर घर से अफजल निकलेगा आदि. सिक्योरिटी स्टाफ ने इस कार्यक्रम में बाहरी लोगों की मौजूदगी की बात भी मानी है. उनका कहना है कि इन बाहरी लोगों के मुंह ढके हुए थे. इनके साथ मुजीब गट्टू नाम के छात्र ने भी नारे लगाए. उनमें हम क्या मांगे आजादी, बंदूक से लेंगे आजादी, इंडियन आर्मी मुर्दाबाद, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे शामिल थे. मुजीब गट्टू ने हम क्या चाहते हैं आजादी, हम छीन के लेंगे आजादी के नारे लगाए. मोहम्मद कदीर नाम के छात्र को गट्टू के पास खड़े देखा गया है.
नारों के शोर में दब गया था कन्हैया का भाषण
दूसरी तरफ एबीवीपी के सदस्यों ने इन नारों के विरोध में भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे लगाए. नारेबाजी करीब 8 बजे तक चलती रही. इसी दौरान वसंत कुंज थाने से पुलिस आ गई. चश्मदीदों का कहना है कि 10-15 नकाबपोश लोगों ने ही नारे लगाए. जबकि कन्हैया रामा नागा और अनिर्बान ने सभा को संबोधित किया. हालांकि उनकी आवाज नारों की आवाज में दब गई. ये पूरा कार्यक्रम 9 बजे के करीब खत्म हुआ. बाहरी लोग भी कैंपस से चले गए.