केरल नौका दुर्घटना में गोताखोरों तथा राहत बचाव कर्मियों ने आज झील से आठ और शव बरामद किये जिसके साथ इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 पहुंच गयी है. इस बीच प्रदेश सरकार ने घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है.
बुधवार को हुआ था हादसा
हादसा बुधवार को उस समय हुआ जब सरकारी डबल डेकर नौका ‘जलकन्यका’ 74 पर्यटकों को लेकर जा रही थी. झील के किनारे पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में हाथियों को देखने के लिए कुछ पर्यटक नौका की एक ओर चले गए जिससे वह झुक गयी और यह हादसा हुआ. अधिकारियों ने बताया कि गोताखारों सहित राहत एवं बचावकर्मियों ने आंशिक रूप से डूबी नौका से 39 शवों को बरामद कर लिया है. उन्होंने बताया कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कुछ लोगों का पता लगाना अभी बाकी है. तड़के सुबह से तलाशी अभियान लगातार जारी है.
न्यायिक जांच के आदेश
प्रदेश के मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन ने इस घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि केरल उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से इस मामले की जांच करने के लिए कहा जाएगा. मुख्यमंत्री ने हादसे में मरने वाले लोगों में प्रत्येक के निकटतम परिजनों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है. प्रदेश के अधिकारियों से कहा गया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि शवों को उनके परिजनों को जल्दी से जल्दी सौंपा जाय.
मृतकों में 11 लोग दिल्ली के शामिल
अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 11 लोगों की मौत हुई है. इनमें आठ महिलायें तथा 14 साल का एक किशोर शामिल है. उन्होंने कहा कि मारे गए जिन लोगों की अभी तक पहचान हुई है उनमें नौ लोग तमिलनाडु के, पांच पश्चिम बंगाल के, चार आंध्र प्रदेश के, तीन कर्नाटक के और एक पंजाब का रहने वाला था.
नौका में सुरक्षा के कोई उपाय नहीं थें
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा डूबने वाली नौका में सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये गए थे. इसमें न तो जीवन रक्षक जैकेट ही थे और न ही जीवन सुरक्षा उपकरण. डूबनी वाली नौका के निकट दूसरी नौका में सवार स्मिता मौर्य ने कहा कि नाव में न तो जीवन रक्षक जैकेट ही थे और न ही जीवन रक्षक उपकरण मौजूद थे. हादसे के बाद सुरक्षित तैर कर बाहर निकल जाने वाले तमिलनाडु के एक पर्यटक ने कहा कि नौका के चलने के आधे घंटे के भीतर यह हादसा हुआ.