मुंबई हमले में एकमात्र जीवित गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब के वकील अब्बास काजमी ने हमलों के मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत से अपनी इस टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी मांगी कि वह अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के हलफनामों की परवाह नहीं करते.
न्यायाधीश एम. एल. टाहिलियानी ने भी काजमी की माफी को स्वीकार करते हुए अपनी यह टिप्प्णी वापस ले ली कि काजमी झूठे हैं. काजमी ने इससे इनकार किया था कि विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने आठ मई को अपने आरंभिक संबोधन में कहा था कि वह गवाहों के हलफनामे दाखिल करेंगे. इसपर न्यायाधीश ने कल उन्हें झूठा कहा था.
कसाब के वकील ने आज कहा, ‘‘यह एक ऐतिहासिक मुकदमा है और मैं आरोपित का बचाव करने के लिए अपनी ओर से बेहतरीन कोशिश कर रहा हूं. कल जो कुछ हुआ वह जज्बात में बह कर हुआ और मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं.’’ टाहिलियानी ने कहा कि वह भी काजमी के बारे में अपनी टिप्पणियां वापस लेते हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि यह मुद्दा सौहाद्रपूर्ण ढंग से हल कर लिया जाए.
इससे पहले निकम ने हस्तक्षेप किया और मुद्दे को सुलझाने के लिए अदालत से समय मांगा. काजमी ने इसके बाद माफी मांगी. निकम के आग्रह पर न्यायाधीश ने अदालत की कार्यवाही 40 मिनट के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद काजमी ने माफी मांगने का फैसला किया. आज के आदेश में न्यायाधीश ने कहा, ‘‘न्याय के हित में यह मुद्दा सौहाद्रपूर्ण ढंग से हल कर लिया गया. अभियोजक और बचाव पक्ष के वकील की तरफ से पेश की गई बातों के बाद मैं कह सकता हूं कि कल की बातें विचार के लिए नहीं ली जाएंगी.
इससे पहले सुबह जब अदालत की कार्यवाही शुरू हुई तो काजमी ने कहा कि वह अदालत की इस टिप्पणी से स्तब्ध हैं कि वह झूठे हैं. कसाब के वकील ने कहा, ‘‘बराए मेहरबानी, मुझे मेरे खिलाफ आरोपों के बारे में बताएं और स्वतंत्र कानूनी सलाह हासिल करने के बाद मैं 24 घंटे के भीतर जवाब दूंगा.’’ काजमी का यह विवादस्पद बयान कल तब आया जब अभियोजक निकम ने न्यायाधीश को सूचित किया कि वह औपचारिक गवाहियों के 340 हलफनामे दाखिल करना चाहते हैं और ऐसे 233 दस्तावेज अब तक बचाव पक्ष के वकील को दिए जा चुके हैं.
टाहिलियानी ने जब काजमी से पूछा कि क्या वह इन गवाहों में से किसी से जिरह करना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि जब निकम अदालत में अपने हलफनामे दाखिल कर देंगे तो वह अपनी रणनीति की घोषणा करेंगे. इसपर निकम ने कहा कि उन्होंने अदालत में अपने प्रारंभिक संबोधन में ही कह दिया था कि वह इस तरह के हलफनामे दाखिल करेंगे. बहरहाल, काजमी ने कहा कि निकम ने अपने संबोधन में इस तरह की कोई बात नहीं कही थी. इसपर न्यायाधीश ने कहा कि वह झूठ बोल रहे हैं.