नागरिकता संशोधन बिल संसद से पास हो गया है. साथ ही केंद्र सरकार राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) लागू करने पर अड़ी हुई है, वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय में डर का माहौल है.
इस डर को कम करने के लिए कर्नाटक के राज्य वक्फ बोर्ड ने सभी मस्जिदों को सर्कुलर भेजकर कहा है कि वे 2021 में होने वाली जनगणना के लिए अपने क्षेत्रों के सभी मुस्लिमों के कागजात तैयार रखें. इसके अलावा इस सर्कुलर में कहा गया है कि भारत सरकार नेशनल सिटीजन एक्ट 1951 के तहत ‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ को अपडेट करने की योजना बना रही है और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पूरे देश में लागू करना चाह रही है. ऐसे में ‘मस्जिदों के स्तर पर समुदाय की सुविधा और सहज उपलब्धता के लिए निजी और सामूहिक रूप से दस्तावेज एकत्र करने की जरूरत है.’
सर्कुलर में मस्जिदों से कहा गया है कि वे अपने इलाके में रहने वाले मुस्लिमों का विस्तृत सूचनाओं के साथ रजिस्टर तैयार करें जिनमें उनके जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड आदि एकत्र किए जाएं. उनसे कहा गया है कि सभी परिवारों से कहें कि इन सभी कागजात को नियमित अपडेट कराएं और गजटेड अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ प्रमाणित कराकर हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी अपने पास रखें.
कई मस्जिदों ने ‘सेल्फ एसेसमेंट फॉर्म’ जारी किया है और लोगों से इसे भरकर सूचनाओं और दस्तावेज के साथ जल्द से जल्द जमा करने को कहा है. हाजी सर इस्माइल सैत मस्जिद के सेक्रेटरी साहिल अहमद ने कहा कि दस्तावेज तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. अब तक करीब 6000 फॉर्म बांटे जा चुके हैं. उन्होंने एक दो दिन का कैंप भी लगाया है जिसमें 900 परिवारों ने हिस्सा लिया.
साहिल का कहना है कि ‘हमारा मकसद है पहले से तैयारी करना और मुस्तैद रहना ताकि आपात की स्थिति में सब कुछ ठीक से हो जाए.’