भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कर्नाटक की हार के लिए पार्टी नेतृत्व को कठघरे में खड़ा किया है. आडवाणी ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि अगर भ्रष्टाचार के इल्जामों से घिरे येदियुरप्पा के खिलाफ समय पर कार्रवाई की गई होती तो कर्नाटक का नतीजा कुछ और होता. उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर कर्नाटक में जीत जाती तो उन्हें हैरानी होती.
हार का पोस्टमार्टम के बहाने आडवाणी ने अपनी पार्टी पर सवाल उठा दिए. आडवाणी ने अपने ताजा ब्लॉग में लिखा है. कर्नाटक की हार का मुझे दुख है लेकिन आश्चर्य नहीं. आश्चर्य तो तब होता अगर कर्नाटक में बीजेपी की जीत होती. आडवाणी के मुताबिक येदियुरप्पा के खिलाफ कार्रवाई में देरी कर्नाटक में हार की बड़ी वजह रही.
आडवाणी ने लिखा है कि बीजेपी ने येदियुरप्पा को बाहर नहीं निकाला. वो खुद बाहर निकले. वास्तव में जब ये साफ हो गया था कि वो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं तब अगर पार्टी उन पर तुरंत कार्रवाई करती तो इसका नतीजा कुछ और होता. प्रेस रिपोर्ट्स में कहा गया कि येदियुरप्पा को निकालने की वजह से हम हारे, लेकिन सोनियाजी ने वीरभद्र सिंह की गलतियों की अनदेखी की और कांग्रेस को इसका फायदा भी मिला. कर्नाटक में सैद्धांतिक फैसला लेकर बीजेपी को खुद पर गर्व है.
आडवाणी के मुताबिक कर्नाटक का नतीजा बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए नसीहत है कि जनता को हल्के में ना लें. हालांकि, उन्होंने ये सवाल खड़ा किया कि अगर भ्रष्टाचार को लेकर बैंगलोर में नाराजगी दिखाई देती है तो ये दिल्ली में क्यों नहीं दिखाई देती?
अब तक बीजेपी ने ये तो माना था कि येदियुरप्पा की वजह से कर्नाटक में पार्टी का बंटाधार हुआ लेकिन येदियुरप्पा के खिलाफ वक्त पर ऐक्शन ना लेने के लिए पहली बार आडवाणी ने अपनी पार्टी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है.