"सुपर ओवर".... क्रिकेट प्रेमियों की जुबान पर इन दिनों इसी का नाम चढ़ा हुआ है. इसके पीछे एक बड़ी वजह क्रिकेट वर्ल्ड कप का फाइनल भी है. फाइनल मुकाबले में मैच सुपर ओवर तक पहुंचा. न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेले गए फाइनल मुकाबले में अंत तक कोई भी ये नहीं बता सकता था कि आखिर जीत किसे नसीब होगी. ये बात रही क्रिकेट के मैदान की लेकिन कुछ ऐसा ही नजारा कर्नाटक के सियासी मैदान में भी है. जहां ये पता नहीं नतीजा कैसे और क्या निकलने वाला है.
सुपर ओवर वाली उठापटक इन दिनों कर्नाटक के सियासी मैदान में देखने को मिल रही है. गेंद कब किस पाले में जा रही है और कब कौन जीत हासिल करेगा? इसकी स्थिति अभी तक साफ नहीं हो पाई है. इस सियासी मैच की शुरुआत तब हुई जब कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस के कुछ विधायकों ने इस्तीफा सौंप दिया. जब ये सारी सियासी हलचल चल रही थी, तभी एक तस्वीर सामने आई जिसमें बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा रिजॉर्ट में रुके हुए बीजेपी विधायकों के साथ बल्लेबाजी करते दिखे.
इस दौरान बागी विधायक बढ़त लिए दिखे तो अगले ही पल स्पीकर ने विधायकों को मुलाकात के लिए बुलावा भेजा और कहा कि बिना मुलाकात के इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस बीच कर्नाटक सरकार के जरिए बागी विधायकों को मनाने की पूरी कोशिश हुई लेकिन बागी विधायक भी एक कदम आगे निकले और उन्होंने मुंबई के होटल में डेरा डाल लिया.
इस बीच बागी विधायकों ने किसी से भी मुलाकात नहीं की और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया. अब कर्नाटक के राजनीति का रुख एक बार फिर से बागी विधायकों की तरफ मुड़ गया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के इस राजनीतिक घटनाक्रम में अंपायर की भूमिका अदा की. जिससे बागी विधायकों को झटका लगा और राजनीति घमासान के बीच कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने राहत की सांस ली.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले बागी विधायकों को स्पीकर से मिलने और फिर इस्तीफा सौंपने की बात कही. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को मंगलवार तक इस्तीफों पर किसी तरह का कोई फैसला नहीं लेने के लिए मना कर दिया. जिससे राजनीतिक घटनाक्रम का रुख एक बार फिर से बदल गया.
किसकी होगी जीत?
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल का मुकाबला अंत तक चला. मैच का नतीजा 100 ओवर में भी नहीं निकला, फिर सुपर ओवर शुरू हुआ. 6-6 गेंदे फेंकी गई. रोमांच चरम पर रहा लेकिन नतीजा इन 6-6 गेंदों के आधार पर भी नहीं निकला. आखिर में ज्यादा बाउंड्री के कारण इंग्लैंड विजेता बना.
वहीं कर्नाटक में भी पिछले कई दिनों से हाल कुछ ऐसा ही है. यहां भी राजनीति का रोमांच चरम पर है और जीत किसकी होगी, इसका अंदाजा भी किसी को नहीं. कर्नाटक के कई विधायकों ने इस्तीफा दिया. स्पीकर ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया. फिर बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार तक इस्तीफा स्वीकार करने या अयोग्य ठहराने पर रोक लगा दी.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कर्नाटक मुद्दे पर जमकर बहस हुई लेकिन फैसला फिर भी नहीं आया. एक लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाने के लिए बुधवार सुबह साढ़े दस बजे यानी आज का का वक्त तय किया है. सुप्रीम कोर्ट का रुख ही अब कर्नाटक में चल रहे राजनीति के सुपर ओवर का नतीजा सामने लेकर आ सकता है.
अब कर्नाटक में जारी राजनीतिक सुपर ओवर की तस्वीर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ होगी तो वहीं 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का दावा है कि उनके पास बहुमत है. लेकिन अब देखना होगा कि कर्नाटक का नतीजा सुपर ओवर में ही सामने आ जाता है या फिर कर्नाटक मसले को हल करने के लिए ज्यादा बाउंड्री का सहारा लेना पड़ेगा.