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डा. कलाम ने नहीं पहनी अपनी दीक्षांत टोपी

पूर्व राष्ट्रपति डा. ए पी जे अब्दुल कलाम ने आज यहां मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (एमएएनआईटी) के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को डिग्रियां देते वक्त पहनी जाने वाली परंपरागत टोपी पहनने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उनका ‘हेयर स्टाइल’ ही इसके लिए पर्याप्त हैं.

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पूर्व राष्ट्रपति डा. ए पी जे अब्दुल कलाम ने आज यहां मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान (एमएएनआईटी) के दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को डिग्रियां देते वक्त पहनी जाने वाली परंपरागत टोपी पहनने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि उनका ‘हेयर स्टाइल’ ही इसके लिए पर्याप्त हैं.

एमएएनआईटी संचालन मण्डल के अध्यक्ष ए एन सिंह ने बताया कि डा. कलाम ने परंपरागत टोपी नहीं पहनी और कहा, ‘इसके स्थान पर उनका ‘हेयर स्टाइल’ ही इसके लिए पर्याप्त है.’ यह पूछने पर कि उन्हें दीक्षांत गाउन और टोपी पहनने पर क्या कोई वैचारिक आपत्ति थी, सिंह ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने केवल परंपरागत टोपी पहनने से इंकार कर दिया, हालांकि उन्हें इस अवसर पर पहना जाने वाला गाउन पहनने पर कोई आपत्ति नहीं थी.

एमएएनआईटी के सातवें दीक्षांत समारोह के मंच पर डा. कलाम के अलावा सभी अतिथि परंपरागत गाउन और टोपी पहने हुए थे, जबकि उन्होंने केवल गाउन ही पहन रखा था. हालांकि, समारोह के बाद संवाददाताओं ने डा. कलाम से बातचीत करना चाही, लेकिन समय की कमी के कारण वह वहां से रवाना हो गए. उल्लेखनीय है कि भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम) के दीक्षांत समारोह में इस वर्ष दो अप्रैल को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने यह कहते हुए परंपरागत गाउन और टोपी उतार दिए थे कि ये ‘औपनिवेशिक प्रतीक’ हैं .

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इसके बाद मध्यप्रदेश की शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस एवं उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी ऐसे ही अनेक अवसरों पर दीक्षांत समारोहों में गाउन और टोपी के स्थान पर भारतीय वस्त्र पहने जाने की मांग की थी.

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