रामदेव का अभूतपूर्व सफर विवादों से घिरा रहा है, लेकिन कोई भी विवाद लंबे समय तक नहीं टिका. पढ़ें उनके जीवन का सफर:
1964 या 1974 रामदेव की असली उम्र कोई नहीं जानता. सिर्फ इतनी ही जानकारी है कि रामकृष्ण यादव का जन्म हरियाणा के अलीपुर गांव में हुआ.
1992-95 टूटी-फूटी जर्जर साइकिल पर हरिद्वार में घर में बनी दवाइयां बेचते थे. 1995 में दिव्य योग ट्रस्ट की स्थापना की.
2002 पहली बार संस्कार टीवी चैनल पर, 2003 से आस्था चैनल पर सुबह के योग के लिए दिखाई दिए. रामदेव ने रातोरात हलचल मचा दी.
2005 दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के 113 कर्मचारियों ने न्यूनतम मजदूरी के लिए आंदोलन शुरू किया. कुछ को निकाल दिया गया.
2006 माकपा ने आरोप लगाया कि रामदेव जड़ी-बूटियों वाली दवाओं में मनुष्य और जानवरों के अंग मिलाते हैं. आरंभिक नमूनों में इसकी पुष्टि हुई लेकिन सरकार की मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं ने बाद में रामदेव को क्लीन चिट दी. उनके शिष्यों ने दिल्ली में माकपा के कार्यालय पर तोड़फोड़ की.
2006 केंद्रीय गृह मंत्रालय ने औषधि और जादू कानून के अंतर्गत रामदेव को नोटिस दिया. उन पर आरोप था कि वे जादुई इलाज का दावा कर जनता को गुमराह कर रहे हैं. अस्पष्ट कानून के कारण वे बच निकले.
2006 दावा किया कि योग से एड्स का इलाज हो सकता है. इस दावे के लिए गृह मंत्रालय द्वारा स्थगन और विराम आदेश देने पर रामदेव ने कहा, उन्हें गलत उद्घृत किया गया है.
2007 पुत्र को जन्म देने में महिलाओं की मदद करने वाली एक दवा, पुत्रवती आई. यह जन्म पूर्व निदान तकनीक कानून के अंतर्गत एक अपराध है. सरकार ने जांच शुरू की. जांच असफल रही.
2008 इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने योग के जरिए कैंसर का इलाज करने के बारे में उनके दावे को ठग विद्या कहा. रामदेव ने ऐसे मरीजों की परेड करा दी जिन्होंने अपने मुंह से स्वस्थ होने की कहानी बताई.
2008 वनस्पति शास्त्रियों ने संजीवनी बूटी प्राप्त करने के रामदेव के दावे का खंडन किया.
2008 उन्होंने एक्यूप्रेशर के जरिए पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री प्रियरंजन दासमुंशी का इलाज करने की इजाजत मांगी. एम्स ने इनकार कर दिया.
2009 रामदेव ने समलैंगिकता को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया. पश्चिमी मनोवैज्ञानिकों के समक्ष दावा किया कि वे योग से इसका इलाज कर सकते हैं. विवाद हो गया.
2010 अपनी फार्मा इकाई से गंगा में रासायनिक कचरा बहाने को लेकर फटकार मिली.
2011 बाबा रामदेव ने हरिद्वार स्थित अपने योगपीठ की विवादित जमीन को खाली किया.
2012 रामदेव ने मार्च महीने में अपने स्वदेशी वस्तुओं की श्रृखंला के लिए रिटेल चेन की घोषणा की.