राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख के एस सुदर्शन ने जिन्ना प्रकरण पर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी के ‘स्पष्टीकरण’ को संतोषजनक करार दिया है. इसके साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर संघ परिवार में चल रही बहस को और गर्म करते हुए कहा है कि जिन्ना कभी राष्ट्र (अविभाजित भारत) के लिये पूरी तरह समर्पित थे.
जसवंत मामले पर सुदर्शन ने साधी चुप्पी
पूर्व संघ प्रमुख ने इंदौर में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में जिन्ना मसले को लेकर जसवंत सिंह के भाजपा से निष्कासन पर टिप्पणी से साफ इंकार कर दिया. उनका कहना था कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है लेकिन जब उन्हें याद दिलाया गया कि उनके संघ प्रमुख रहने के दौरान आडवाणी के जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष बताने पर भगवा खेमा गुस्से से लाल हो गया था, तो उन्होंने कहा कि आडवाणी ने इस संबंध में आगे चलकर कई तरह के स्पष्टीकरण दे दिये हैं. वैसे भी इस सिलसिले में सबकुछ भाजपा को ही तय करना है. हमें उस समय जो कहना था, हमने कह दिया था.
जिन्ना के अनेक रूप हुए हैं
यह पूछे जाने पर कि सुदर्शन जिन्ना प्रकरण पर आडवाणी के स्पष्टीकरण से अब भी संतुष्ट हैं तो उनका जवाब था ‘बिल्कुल’. क्या वह जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन्ना के अनेक रूप हुए हैं. वह कभी लोकमान्य तिलक के साथ थे और पूर्णत: राष्ट्र के प्रति समर्पित थे.