बोधगया धमाकों की जिम्मेदारी कौन ले, इसको लेकर जमकर राजनीति हो रही है. बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने दिल्ली पुलिस पर पलटवार किया है. पार्टी ने कहा है कि बोधगया में आतंकी हमला टाला जा सकता था, बशर्ते दिल्ली पुलिस पुणे धमाकों के आरोपी और इंडियन मुजाहिदीन सरगना यासीन भटकल को समय पर गिरफ्तार कर लेती.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया था कि उसने बोधगया में आतंकी हमले की आशंका के बारे में बिहार पुलिस को पहले ही सूचना दे दी थी. अब जेडीयू का यह बयान दिल्ली और पटना के बीच तल्खी और बढ़ा सकता है.
जेडीयू के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष सुरेश निरंजन ने कहा, 'पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने मुखबिर मोहम्मद नकी के सहारे मुंबई में आईएम संस्थापक यासीन भटकल को गिरफ्तार करने की योजना बनाई थी. अगर योजना के मुताबिक भटकल को गिरफ्तार कर लिया जाता, तो शायद बोधगया में आतंकी घटना रोकी जा सकती थी.'
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सुरक्षा में चूक की बात स्वीकारी है, लेकिन प्रदेश को सूचना दे देने से ही केंद्र सरकार की जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती. केंद्र को सूचना देने के बाद उस पर प्रदेश सरकार की ओर से उठाए गए सकारात्मक कदमों की पूछताछ भी करनी चाहिए. ऐसा किया जाए तो आतंकी वारदात की आशंका काफी कम की जा सकती है.
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल मोहम्मद नकी नाम के एक मुखबिर के सहारे भटकल को मुंबई में गिरफ्तार करने की योजना बना ली थी, लेकिन मुंबई पुलिस ने नकी को ही गिरफ्तार कर पूरी योजना पर पानी फेर दिया था.