विदेश में कालाधन रखने वाले भारतीयों को अपने विदेशी बैंक खातों या संपत्ति का खुलासा करने का एक आखिरी मौका दिया जाएगा. वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि विदेश में संपत्ति का खुलासा नहीं करने पर सात साल की कड़ी सजा मिलेगी. जबकि आमदनी छिपाने और कर चोरी के मामले में 10 साल तक की सजा का सामना करना होगा.
मंत्री ने बताया कि सरकार कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए संसद के मौजूदा सत्र में एक विधेयक लाने की योजना बना रही है. ये प्रावधान इसी विधेयक का हिस्सा होंगे. हालांकि, जयंत सिन्हा ने इस बात को खारिज कर दिया कि सरकार कालाधन रखने वालों के लिए कोई माफी योजना ला रही है. उन्होंने कहा, 'कोई माफी योजना नहीं है. हम काफी साफ शब्दों में कह चुके हैं कि हम उम्मीद करते हैं कि ऐसा हर व्यक्ति जिसके पास देश के बाहर बिना हिसाब किताब वाली संपत्ति या खाता है, वह उसका खुलासा करे.' सिन्हा ने आगे कहा कि किसी को माफी नहीं मिलेगी. आपके पास जो है उसका आपको खुलासा करना होगा.
प्रस्तावित कानून का ब्योरा देते हुए वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि आमदनी को छिपाने या कर चोरी के लिए 10 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा प्रावधानों के अनुसार खाताधारक को आयकर रिटर्न में विदेशी खाता खोलने की तारीख का अनिवार्य रूप से उल्लेख करना होगा. नया कानून लाने के अलावा कालेधन पर अंकुश के प्रयासों के तहत बेनामी सौदे कानून में बदलाव और रीयल एस्टेट सौदे के अग्रिम के तौर पर नकद में 20,000 रुपये से अधिक लेने पर रोक शामिल है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट प्रस्तावों में कहा था कि देश की संपदा का पता लगाना और उसे देश में वापस लाना सरकार की देश के प्रति बड़ी प्रतिबद्धता है. जेटली ने बजट भाषण में कहा था, 'मौजूदा कानून की सीमाओं के देखते हुए हमने काफी विचार विमर्श के बाद काले धन पर एक वृहद नया कानून बनाने का फैसला किया है. मैं संसद के चालू सत्र में इस बारे में विधेयक का प्रस्ताव करता हूं. प्रस्ताव के अनुसार आमदनी और संपत्ति को छिपाने व विदेशी संपत्ति के मामले में कर चोरी गैर-समाधेय अपराध होगा और इस पर 300 फीसदी तक जुर्माना लगाया जाएगा.
-इनपुट भाषा से