जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किए जाने की कांग्रेस ने आलोचना की है. पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दुस्साहस पूर्ण कार्रवाई की चेतावनी पहले ही दे रही थी. चिदंबरम ने कहा कि लगता है कि सरकार अब ऐसा करने पर अड़ गई है. बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को आधी रात को नजरबंद कर दिया गया है. कश्मीर में धारा-144 लागू कर दी गई है और वहां से संचार के सभी माध्यमों, मोबाइल, इंटरनेट, ब्रांडबैंड और लैंडलाइन को बंद कर दिया गया है.
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने जैसा है. चिदंबरम ने ट्वीट किया, "जम्मू-कश्मीर के नेताओं को घर में नजरबंद किया जाना इस बात का सिग्नल है कि सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को कुचल देगी. मैं उनकी नजरबंदी की आलोचना करता हूं."
The house arrest of J&K leaders is a signal that the government will defy all democratic norms and principles to achieve its objects. I condemn the house arrests.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 5, 2019
I had warned of a misadventure in J&K. It seems the government is determined to embark upon one.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 5, 2019
एक दूसरे ट्वीट में चिदंबरम ने कहा है कि दिन खत्म होने से पहले ही हमें बता दिया जाएगा क्या जम्मू-कश्मीर में कुछ गंभीर संकट होने वाला है. मैं इंतजार कर रहा हूं. चिदंबरम से पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इस कदम की निंदा की है. उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए शशि थरूर ने अब्दुल्ला को कहा कि आप अकेले नहीं है. आखिरकार सरकार जम्मू-कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं को आधी रात को क्यों गिरफ्तार कर रही है है? थरूर ने कहा कि अभी संसद का सत्र चल रहा है और हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है.
You are not alone @OmarAbdullah. Every Indian democrat will stand with the decent mainstream leaders in Kashmir as you face up to whatever the government has in store for our country. Parliament is still in session & our voices will not be stilled. @INCIndia https://t.co/QqGa4EgrP3
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 4, 2019
शशि थरूर ने कहा कि अगर सरकार आतंकियों और अलगाववादियों के खिलाफ कुछ कर रही है तो हमें घाटी के मुख्यधारा के नेताओं को विश्वास में लेकर चलना चाहिए. अगर हमें उन्हें दरकिनार कर देते हैं तो फिर कौन बच जाएगा?
Leaders being placed under house arrest overnight while mass hysteria and deployment of troops, both continue to rise. The situation in #Kashmir is indeed worrying. The govt must make its intentions clear.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 4, 2019
कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी सरकार के कदम की आलोचना की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि नेताओं को रात में घरों में नजरबंद किया जा रहा है, जबकि सेनाओं की तैनाती लगातार बढ़ रही है और लोगों में बेचैनी बढ़ती ही जा रही है. कश्मीर की हालत चिंताजनक है. सरकार को अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए.
कर्नाटक कांग्रेस के नेता दिनेश गुंडू राव ने भी कश्मीर के घटनाक्रम पर टिप्पणी की है. दिनेश गुंडू राव ने ट्वीट कर लिखा है कि एक ओर भारत की अर्थव्यवस्था संकट में है, वहीं कश्मीर में केंद्र खतरनाक खेल खेल रही है. कैबिनेट की मीटिंग से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों में खौफ व्याप्त है, एक अभूतपूर्व तनावपूर्ण माहौल पैदा हो रहा है. दिनेश गुंडू राव ने कहा कि उन्हें हैरत हो रही है कि भारत किस ओर जा रहा है.