जयपुर के जिला एवं सत्र अदालत ने जयपुर के इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी) डिपो में 29 अक्टूबर 2009 को हुए अग्निकांड प्रकरण में न्यायिक हिरासत में चल रहे तत्कालीन महाप्रबंधक गौतम बोस समेत आठ अधिकारियों की जमानत बुधवार को मंजूर कर ली, जबकि एक अधिकारी की जमानत याचिका खारिज कर दी.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश के.एस. भटनागर ने आईओसी जयपुर के तत्कालीन महाप्रबंधक गौतम बोस, मुख्य आपरेशन अधिकारी राजेश कुमार स्याल, वरिष्ठ प्रबंधक (आपरेशन), शशांक शेखर, वरिष्ठ प्रबंधक (डिपो) अरुण कुमार पोद्दार, वरिष्ठ प्रबंधक (डिपो) के एस कनौजिया, उप प्रबंधक (डिपो) कपिल कुमार गोयल, पाइप लाइन विभाग प्रभारी एस एस गुप्ता और चार्जमैन कैलाशनाथ अग्रवाल की जमानत याचिका मंजूर कर ली, जबकि प्रबंधक (आपरेशन) अशोक कुमार गुप्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी है.
गौरतलब है कि प्रबंधक (आपरेशन) अशोक कुमार गुप्ता ही अग्निकांड के वक्त डियूटी पर थे. सांगानेर सदर पुलिस ने 29 अक्टूबर 2009 को आईओसी डिपो में लगी भीषण आग के दर्ज मुकदमे में आईओसी के नौ अधिकारियों को दो जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 285, 286, 336, 337, 427, 304 ए, 304 भाग 2 और 166 के तहत गिरफ्तार किया था. पुलिस ने गिरफ्तारी के अगले दिन तीन जुलाई को अभियुक्तों को न्यायिक मजिस्ट्रेट सांगानेर की अदालत में पेश किया था और अदालत ने सभी नौ अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
अभियुक्तों की ओर से जिला एवं सत्र न्यायाधीश जयपुर की अदालत में जमानत याचिकाएं पेश की, जिन पर सुनवाई के बाद अदालत ने नौ में से एक अभियुक्त अशोक कुमार गुप्ता के जमानत याचिका को खारिज कर शेष सभी आठ अभियुक्तों को जमानत दे दी. सांगानेर सदर पुलिस ने इस मामले में आईओसी के बारह अधिकारियों को आरोपी बनाया था.
इनमें से दो चार्जमैन कृपा राम और राम निवास की हादसे में मौत हो गई, जबकि तीसरे आरोपी सहायक प्रबंधक (टर्मिनल) योगेन्द्र मित्तल की एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी. गौरतलब है कि जयपुर आईओसी डिपों में 29 अक्टूबर 2009 को शाम को लगी भीषण आग में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 150 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस आग से अरबों रुपये का नुकसान हुआ था.